आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। जनता भाजपा के बोझ से छुटकारा चाहती है। सरकार की जिम्मेदारी मंहगाई खत्म करने की है, लेकिन मोदी सरकार ने जब विपक्ष आंदोलित था, उस समय भी डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी कर दी। ये बातें मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा मुख्यालय पर वाराणसी से साइकिल चलाकर पहुंचे 227 सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।
वहीं अखिलेश यादव ने भाजपा के जाति के आधार पर आयोजित हो रही बैठक को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है। वो जाति में जाति निकालती है। वह प्रयोग करती है कि कैसे लोग दुखी होते हैं।
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अखिलेश ने हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा अगले 50 सालों तक सत्ता में बनें रहने का दावा करती है। वो कहती है कोर्ट और जज हमारे हैं, लेकिन हमारे पास जनता है, जो अगले 50 हफ्तों में ही अपना फैसला कर देश को नया प्रधानमंत्री देगी।
नौकरी और शिक्षकों के मुद्दे पर योगी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री कभी 20 लाख, कभी चार लाख, कभी एक लाख और कभी तो 40 और 70 लाख तक नौकरियां देने के वादे करते रहे है।
योगी आदित्यनाथ के एक बयान का जिक्र करते हुए अखिलेश बोले कि मजबूरी में सिर मुंडाने वाले बीटीसी शिक्षकों के बारे में यह कहना कि उन्होंने पिछले जन्म में पाप किए होंगे जो इस जन्म में उन्हें धरना प्रदर्शन और बार-बार सिर मुंडावाना पड़ रहा है। वे कहते नौजवान अयोग्य हैं, जबकि सच तो ये है कि योगी सरकार ही अयोग्य है।
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इस दौरान सपा के वरिष्ठ नेता किरनमय नंदा, रामगोविंद चौधरी, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, ओम प्रकाश सिंह, राममूर्ति वर्मा, मनोज पाण्डेय, शैलेंद्र यादव, एसआरएस यादव, अरविंद कुमार सिंह, कंकर मुंजारे, विकास यादव, बृजेश यादव, प्रदीप तिवारी, रोहित शुक्ला, अशोक यादव, राम सागर समेत सैंकड़ों नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें।