आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर दो से पांच लाख रुपये तक ठगने के आरोप में एसटीएफ ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर आज इंदिरानगर इलाके अरविंदों पार्क के पास से ठगों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए जालसाजों की पहचान हरदोई के बिग्राम थाना क्षेत्र के दर्गागंज गांव निवासी देवेश कुमार मिश्रा व खीरी जिले के पसगवां थाना क्षेत्र स्थित मुल्लापुर निवासी विनीत कुमार मिश्रा के रूप में हुई एसटीएफ के अनुसार ठगी करने वाले गैंग का सरगना देवेश है। दोनों को इंदिरानगर कोतवाली के हवाले एसटीएफ ने कर दिया है। पुलिस जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई कर रही।
एसटीएफ के एसएसपी के अनुसार कुछ दिनों से एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि गिरोह द्वारा बेरोजगार युवकों से सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी के दिलाने के नाम पर ठगी की जा रही, जिसके बाद एसटीएफ की विभिन्न टीमों को इनकी धर पकड़ के लिए लगाया गया था।
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आज जानकारी मिली थी कि ठगी करने वाले गैंग का सरगना देवेश कुमार मिश्र अपने गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ अरविंदो पार्क के पास किसी से मिलने आने वाला है। सूचना पर सीओ धर्मेश कुमार शाही, एसआई सत्येंद्र विक्रम सिंह, मुख्य आरक्षी बृजेश सिंह, प्रदीप सिंह, अनिल सिंह, नीरज पांडेय व शैलेंद्र सिंह की टीम ने घेराबंदी करते हुए देवेश व विनीत को धर दबोचा।
सचिवालय के बाहर मिलते थे हो जाता था भरोसा
दोनों ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया है कि उनका एक गिरोह है जो बेरोजगारों को ढ़ूढ़कर उन्हे सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच दे उनसे पैसा लेकर फर्जी तरीके से तैयार किया गया सचिवालय का लोगो लगा क्लर्क एवं चपरासी के पद का नियुक्ति पत्र देता था, इस पर मुख्य सचिव के भी फर्जी हस्ताक्षर होते थे। अभ्यर्थियों से हम लोग सचिवालय के बाहर मिलते थे जिससे उनको भरोसा हो जाता था कि हम नौकरी दिलवा सकते हैं। वहीं क्लर्क के पद के लिए चार से पांच लाख, जबकि चपरासी पद के लिए दो से तीन लाख रुपये तक उन लोगों से जालसाल लेते थे।
कार, कागजात व कैश बरामद
गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले एसटीएफ धर्मेद्र कुमार शाही के अनुसार पकड़े गए दोनों ठगों के पास से एसटीएफ को जाली नियुक्ति व आदेश पत्र के अलावा, स्विफ्ट कार, ठगी का शिकार हुए एक अभ्यर्थी शौक्षणिक प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ के अलावा दो रजिस्टर, दो मोबाईल फोन, चार एटीएम कार्ड, दो पैन कार्ड, दो वोटर कार्ड, दो ड्राइविंग लाइसेंस, एक आधार कार्ड, तीन सिम कार्ड व 11 सौ रुपये नकद मिले हैं।