आरयू वेब टीम। काले हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान के खिलाफ आर्म्स लाइसेंस से संबंधित मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। राजस्थान में जोधपुर जिला और सत्र न्यायालय ने अपने फैसले में राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि सलमान खान ने शस्त्र अधिनियम के संबंध में गलत हलफनामा पेश किया था।
इस मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि आठ अगस्त 2003 को गलती से हलफनामा कोर्ट में पेश कर दिया गया, जिसके लिए अभिनेता को माफ कर दिया जाए। अब इस मामले में सलमान खान को बड़ी राहत मिली है। सलमान खान अगर दोषी पाए जाते तो उन्हें सात साल की सजा हो सकती थी।
बता दें कि सलमान को 1998 में जोधपुर के पास कांकाणी गांव में दो काले हिरण का शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय सलमान खान के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और कोर्ट ने उन्हें अपना आर्म्स लाइसेंस जमा करने को कहा था।
जिसके बाद सलमान खान ने 2003 में कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि उनका लाइसेंस गुम हो गया है। सलमान खान ने इस सिलसिले में मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआइआर भी दर्ज कराई थी, हालांकि बाद में कोर्ट को पता चला कि सलमान का आर्म लाइसेंस खत्म नहीं हुआ है, बल्कि नवीनीकरण के लिए पेश किया गया है। जिसपर सलमान के वकील का कहना था कि ‘ये हलफनामा जानबूझकर पेश नहीं किया गया था, क्योंकि सलमान खान काफी बिजी रहते हैं और उस समय उन्हें लाइसेंस के बारे में सटीक जानकारी नहीं थी।
इसके बाद लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने मांग की थी कि अभिनेता सलमान खान के खिलाफ अदालत को गुमराह करने का मामला दायर किया जाना चाहिए। 2018 में एक निचली अदालत ने अक्टूबर 1998 में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान दो काले हिरणों की हत्या के लिए सलमान को दोषी ठहराया था और उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। एक्टर सलमान खान ने निचली अदालत के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। उनके साथ कांकाणी में मौके पर मौजूद सलमान के साथी एक्टर सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को बरी कर दिया गया है।