आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनवा से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में समीक्षा बैठक कर चुनावी रणनीति बनाना तेज कर दिया है। इसी क्रम में मायावती ने रविवार को राज्यवार पार्टी की समीक्षा कर कार्यकर्ताओं के लिए निर्देश जारी किए। बसपा मुखिया ने कहा कि गांव-गांव के लाखों लोगों ने उत्तर प्रदेश के सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए तन, मन, धन, जोश, उमंग और ललक दिखाई थी। इसका अनुसरण दूसरे राज्यों को भी करने की जरूरत है। ताकि, बसपा अपना मिशन पूरा करके गरीबों, शोषित-पीड़ितों की मंशानुरूप राज्य की स्थापना कर सके।
बैठक के दौरान बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलित, पिछड़े और बहुजन समाज को तब तक शोषण और अपमान से मुक्ति नहीं मिल सकती जब तक सत्ता की मास्टर चाबी उनके अपने हाथों में नहीं आ जाती है। यही वजह थी कि बाबा साहब के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए बसपा का गठन किया गया। जिसने अपनी चार बार की सरकारों में सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति की दिशा में ठोस कदम उठाए थे, लेकिन अन्य सरकारें संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों को छोड़कर केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों में उलझी हुई हैं, जिससे देश और समाज दोनों का विकास बाधित हो रहा है।
वहीं मायावती ने हालिया जातिवादी घटनाओं जैसे कि हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की आत्महत्या और कोर्ट के भीतर मुख्य न्यायाधीश के साथ हुई घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है। साथ ही कहा कि ऐसी घटनाएं लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था के लिए खतरे का संकेत हैं, लेकिन सरकार और जिम्मेदार संस्थानों की चुप्पी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
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इस दौरान यूपी की पूर्व सीएम ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि बसपा कोई पूंजीपतियों के सहारे चलने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि यह संविधान की मानवतावादी सोच पर आधारित अंबेडकरवादी पार्टी है, जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के हितों की सच्ची संरक्षक है। इसके अलावा अन्य सरकारों से अपनी सरकार के कामों की तुलना करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा की सरकारों ने कानून द्वारा कानून के राज की मिसाल पेश की थी और आज देश को फिर वैसी गुड गवर्नेंस की जरूरत है।
वहीं बसपा सुप्रीमो ने कार्यकर्ताओं से 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर बसपा के आर्थिक सहयोग अभियान को जारी रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बसपा बहुजन समाज को लेने वाला नहीं, बल्कि देने वाला समाज बनाना चाहती है। इसके लिए तन, मन और धन से निरंतर सहयोग आवश्यक है।
साथ ही बैठक में आये पदाधिकारियों ने मायावती और काशीराम के संदेशों को गांव-गांव तक पहुंचाने और अपने-अपने राज्य में पार्टी का जनाधार बढाने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा बैठक में मायावती ने नौ अक्टूबर की रैली का जिक्र कर कहा कि उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में लाखों लोगों ने तन, मन और धन से जिस जोश और उमंग का परिचय दिया है, वही भावना अब अन्य राज्यों में भी फैलनी चाहिए। ताकि बाबा साहब का समानता आधारित कल्याणकारी राज्य का सपना साकार हो सके।