समीक्षा बैठक में बोलीं मायावती, केंद्र व राज्‍य में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में कांग्रेस की नीतियां हैं जिम्मेदार

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव व आगमी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) भी नई रणनीति बनाने में लग गई है। चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पत्ते खोलना शुरू कर दिए हैं। बुधवार को बसपा कार्यालय में मायवती ने 75 जिलों के संगठन पर जोर देने को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान मायावती कांग्रेस पर हमला बोलने से नहीं चुंकीं। उन्‍होंने कहा कि केंद्र व राज्‍यों भाजपा की सरकार बनने के लिये कांग्रेस की भ्रष्ट नीतियों को जिम्मेदार हैं।

अपने बयान में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि गरीब और पिछड़ों को अपना उद्धार स्वयं करने के लिये गुलाम मानसिकता वाले समाज के बिकाऊ लोगों से सावधान रहना होगा। मायावती ने संगठन की समीक्षा बैठक में कहा कि आजादी के बाद 70 वर्षों तक लुप्त प्राय: रहने के बाद जनसंघ और भाजपा की साम्प्रदायिकता व घिनौनी जनविरोधी एवं जातिवादी नीतियां आज कांग्रेस की तरह ही चरम पर है, ऐसा किसने सोचा था, लेकिन आज भाजपा अगर शक्तिशाली और सरकार में है तो इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार व कसूरवार खुद कांग्रेस व उसकी गलत एवं जनविरोधी भ्रष्ट नीतियां हैं।

विरोधियों को हर कुचलने में लगी केंद्र व राज्‍य सरकार

हमला जारी रखते हुए यूपी की पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्‍य की सरकार देशहित को त्याग कर अपने विरोधियों को हर प्रकार से कुचलने में लगी हुई है, जो लोकतंत्र के लिए अति-दुभार्ग्यपूर्ण स्थिति है तथा जिसको लेकर हर तरफ चिंताओं की लहर है। इसीलिए यूपी में स्थानीय लोगों की जनहित से जुड़ी समस्याओं को लेकर व उन पर होने वाली ज्यादतियों के विरूद्ध न्याय दिलाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों से समय लेकर समय-समय पर उनसे मिलकर पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास पार्टी स्तर पर लगातार जारी रहना चाहिये।

बसपा ही बेहतर विकल्प…

वहीं बैठक में मायावती ने पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि यूपी में ये चुनाव अगर स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से कराए गए तो आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में केंद्र व राज्य की सरकार के खिलाफ सर्वसमाज में से खासकर गरीबों, किसानों, छोटे व्यापारियों व अन्य मेहनतकश लोगों में जो व्यापक जन असंतोष व जनाक्रोश व्याप्त है वो भाजपा के खिलाफ जरूर रंग लाकर उसे काफी महंगा पड़ सकता है। खासकर ऐसे समय में बसपा ही बेहतर विकल्प बनकर जनता के सामने आना है, यही हमारा प्रयास पहले भी था और आगे भी होना चाहिए।

कांशीराम की जयंती पर मंडलों में हो संगोष्‍ठी

समीक्षा बैठक के दौरान यूपी के सभी 18 मंडल व 75 जिलों के पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी कमेटी की गतिविधियों के संबंध में विस्तार से रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को पेश की। लगभग एक माह से अधिक समय तक लगातार चलने वाली इन समीक्षा बैठकों में बीएसपी मूवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम की 15 मार्च को होने वाली जयन्ती कार्यक्रम को, पूर्व की तरह यूपी के कुछ मंडल को छोड़कर अधिकांश मंडलों में संगोष्ठी आदि के माध्यम से मनाने का निर्देंश दिया गया, जिसमें से केवल लखनऊ, कानपुर व फैजाबाद मंडल के लोग, लखनऊ में कांशीराम स्मारक स्थल में तथा मेरठ मंडल के लोग नोयडा में स्थित दलित प्रेरणा स्थल पहुंचकर उनको श्रद्धा अर्पित करेंगे।

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