आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर व इंजीनियर की कार्यप्रणाली को लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा लगाए गए सात गंभीर आरोपों के बाद एलडीए में शुक्रवार को भी सुबह से ही हलचल रही।
वहीं इन सबके बीच एलडीए के चीफ इंजीनियर कार्यालय से सभी अधिशासी अभियंताओं के लिए जारी एक लेटर सोशल मीडिया पर दिन भर वॉयरल होता रहा। आज सामने आए इस लेटर नंबर 420 पर दो दिन पहले कि यानि 13 नवंबर की डेट पड़ी थी। लेटर के अनुसार 11 कंपनियों को निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के चलते छह महीने से लेकर एक साल तक के लिए एलडीए में कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पत्रांक 420 को डिप्टी सीएम के उस आरोप के बचाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से कहा है कि पारिजात, पंचशील, स्मृति, श्रृष्टि, सुलभ व सहज अपार्टमेंट के निर्माण कार्य में धांधली साबित होने के बाद भी इससे जुड़ी कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने की जगह इन्हें ही फायदा पहुंचाने के लिए बचा काम दूसरी कंपनियों से एलडीए ने करवा लिया।
चीफ इंजीनियर के अनुसार इन कंपनियों को पहले ही कर चुकें हैं डिबार-
इंदू प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, सिन्टेक्स, एशिया कंस्ट्रक्शन, प्रताप ट्रेडिंग कंपनी, पवनसुत कंस्ट्रक्शन व रूपेश कुमार सिंह को इसी साल 31 जुलाई से छह महीने के लिए एलडीए ने डिबार किया है।
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वहीं बाकी कि पांच कंपनियों में से पूनम इंटरप्राइजेज को 11 सितंबर, एसआर एंफ्रोटेक को 20 सितंबर व एसडी इंटरप्राइजेज को 24 अक्टूबर से छह-छह महीने, जबकि एमएस कांट्रैक्टर को 20 अगस्त व नरेश इंटरप्राइजेज को पांच अगस्त से साल-साल भर के लिए डिबार किया गया है।
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विभिन्न निर्माण कार्यों में गड़बड़ी करने वाली 11 कंपनियों को पहले ही डिबार किया जा चुका है। इसके लिए एलडीए के सभी अधिशासी अभियंता को एक सूची भेजी गयी है। इंदूशेखर सिंह, चीफ इंजीनियर एलडीए