CM का डर न लोकनायक का सम्‍मान, JPNIC में LDA की खुली लूट

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एलडीए के हिसाब से इस क्‍यूब की कीमत है 699 रूपये आगे आप समझदार है। फोटो- आरयू

आरयू एक्‍सक्‍लूसिव

लखनऊ। अक्‍सर आवंटियों के साथ धांधली के लिए चर्चा में रहने वाले एलडीए के अधिकारी न तो मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से डरते है और न ही लोकनायक जय प्रकाश नारायण का सम्‍मान करना जानते है। यहीं वजह  है कि उन्‍होंने गोमतीनगर में तैयार हो रहे सीएम के ड्रीम प्रोजेक्‍ट जेपीएनआईसी के संग्रहालय में ‘चार आना’ नाम से खोली गई दुकान के सामानों में भी खेल कर दिया।

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यहां मिलने वाले डेली यूज के सामानों पर लोकनायक का नाम और समाजवाद का संग्रहालय प्रिन्‍ट करा बाजार से कई गुना ज्‍यादा दामों पर बेचा जा रहा। एलडीए की इस हरकत से हाल ही में जनता के लिए खोले गए समाजवाद का संग्रहालय को लेकर पॉजीटिव की जगह पब्लिक में नकारात्‍मक चर्चा शुरू हो गई है।

कहा जा रहा है कि जब हर जगह दिखने वाले मामूली सामानों के रेट का यह हाल हैं तो लगभग नौ सौ करोड़ की लागत से बन रहे पूरे सेंटर को एलडीए किस तरह तैयार करा रहा होगा। अब जान लीजिए एलडीए की स्‍पेशल दुकान के कुछ सामानों की कीमत, फिर आप भी समझ जाएंगे उसका लेटेस्‍ट कारनामा। lda ka chaar aana

…तो इसलिए पड़ा दुकान का नाम ‘चार आना’

देश को आजादी दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे जयप्रकाश नारायण को 1939 में अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। नौ नवंबर 1942 को लोकनायक अपने छह साथियों के साथ जेल से भाग निकले। जिसके बाद उन्‍होंने सिर्फ चार आने में अपना व दोस्‍तों का खर्च कई दिनों तक चलाया। इस घटना को ध्‍यान में रखकर दुकान को ‘चार आना’ नाम दिया गया है। हालांकि एलडीए का चार आना कॉनसेप्‍ट जेपीएन के चार आने का विरोधी दिखाई दे रहा है।

एक्‍सईएन ने दिया अजीब तर्क

इस बारे में पूछने पर एक्‍सईएन बीपी मौर्या का तर्क बड़ा ही अजीब रहा। उनका कहना था कि हम किसी को सामान जबरदस्‍ती नहीं बेच रहे जिसे लेना होगा लेगा। पूरा कांसेप्‍ट आर्कओम आर्किटेक्‍ट ने तैयार किया है। फिलहाल दुकान का रख रखाव इनवीसेज कॉम्‍यूनिक प्राइवेट लिमिटेड देख रही है। एलडीए ने सामानों के खरीद दाम पर सिर्फ दस प्रतिशत रेट बढ़ाया है, ताकि वेस्‍टेज और टूट-फूट होने की स्थिति में एलडीए का नुकसान न हो।

इस मामले में अधिशासी अभियंता इतना भी नहीं समझ पाए कि डेली रूटीन के सामानों का गलत रेट देख, सोच समझकर पैसा खर्च करने वाली जनता सामाना तो नहीं खरीदेगी, लेकिन दूसरो के बीच संग्रहालय और एलडीए की छवि को जरूर नुकसान पहुंचाएगी।

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इस दुकान में 35 रूपये की पतंग से लेकर 1990 रूपये की काफी टेबल बुक समेत कुल 30 आइटम बिक्री के लिए रखे गए है। इसके अलावा एलडीए के अभियंताओं से लेकर दुकान के सेल्‍समैन तक सामानों की विशेषता तो दूर उसको खरीदने की एक भी वजह नहीं बता पाए।

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साधारण सी दिखने वाली इस डॉयरी की कीमत निर्धारित है 799 रुपये। फोटो- आरयू

 पिछले महीने सीएम और सपा सुप्रीमो ने किया था उद्घाटन

बीते 11 अक्‍टूबर को लोकनायक की 113 वीं जयंत के मौके पर जेपीएनआईसी में तैयार हुए समाजवाद का संग्रहाालय का उद्घाटन खुद सीएम अखिलेश यादव और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने संयुक्‍त रूप से किया था। हालांकि अक्‍टूबर 2016 में जेपीएनआईसी को तैयार करने का लक्ष्‍य रखा गया था। काम पूरा नहीं होने की वजह से सिर्फ म्‍यूजियम ही शुरू किया जा सका। मुफ्त प्रवेश के बाद भी ज्‍यादातर समय संग्रहालय में सन्‍नाटा छाया रहता है। जानकार सन्‍नाटे के पीछे की वजह एलडीए की कमजोर प्‍लानिंग बता रहे।

एलडीए की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी काम को नहीं होने दिया जाएगा। संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करने के साथ ही सामानों की कीमत पता लगवाकर उसे रिवाइज की जाएगी।      एलडीए सचिव, अरूण कुमार