आरयू वेब टीम। सरकारी निर्णयों को मापने का एकमात्र मापदंड ‘राष्ट्रहित’ होना चाहिए और इसमें जब राजनीति हावी हो जाती है तो इसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार सरोवर बांध से आज देश को मिल रहे लाभों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इसका निर्माण कार्य ‘राजनीति’ की वजह से बरसों तक अटका रहा जिसका देश को बहुत नुकसान हुआ। ऐसा करने वालों को कोई पश्चाताप भी नहीं है।
गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के केवडिया में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। पीएम मोदी ने संविधान दिवस के मौके कहा कि ‘‘हमारे हर निर्णय का आधार एक ही होना चाहिए। इसे एक ही तराजू पर तौला जाना चाहिए…एक ही मानदंड होना चाहिए और वह है राष्ट्रहित। जब निर्णयों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है। सरदार सरोवर बांध भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।’’
…पानी की आपूर्ति सरदार सरोवर बांध की वजह से हो पा रही
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया प्रवास के दौरान आप सभी ने सरदार सरोवर बांध की विशालता, भव्यता और उसकी शक्ति देखी होगी, लेकिन इसका काम बरसों तक अटका रहा। आज इस बांध का लाभ गुजरात के साथ ही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के लोगों को हो रहा है। इस बांध से गुजरात की 18 लाख हेक्टेयर जमीन को, राजस्थान की 2.5 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि गुजरात के नौ हजार से ज्यादा गांव, राजस्थान और गुजरात के अनेकों छोटे-बड़े शहरों को घरेलू पानी की आपूर्ति इसी सरदार सरोवर बांध की वजह से हो पा रही है।
मुंबई हमले जैसी साजिशों को कर रहे नाकाम
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मुबई में आज ही के दिन हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों और पुलिस के जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि आज का भारत नई नीति-नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा। ‘‘आज मुंबई हमले जैसी साजिशों को नाकाम कर रहे, आतंक को एक छोटे से क्षेत्र में समेट देने वाले, भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे हमारे सुरक्षाबलों का भी वंदन करता हूं।’’
वन नेशन, वन इलेक्शन आज देश की जरूरत
पीएम मोदी ने संविधान दिवस के मौके कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन आज देश की जरूरत है। हर कुछ महीने पर देश में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं। इस परिस्थिति में वन नेशन-वन इलेक्शन पर मंथन शुरू होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें डिजिटलकरण की ओर बढ़ना चाहिए और कागज के इस्तेमाल को बंद करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है। पीठासीन अधिकारियों से इस पर मंथन करने का आग्रह किया। समय के साथ कानूनों को प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर दिया और कहा कि कानूनों की इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके।
इस सम्मेलन में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी भाग लिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की। पीठासीन अधिकारियों के अखिल भारतीय सम्मेलन का आरंभ 1921 में हुआ था और यह इसका शताब्दी वर्ष है।