आरयू ब्यूरो,लखनऊ/सिद्धार्थनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को सिद्धार्थनगर जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवारा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर योगी ने विशेष संचारी रोग नियंत्रण एव दस्तक अभियान के 54 मोबाइल वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 वर्षों तक कुछ लोग केवल आश्वासन देते रहे, लेकिन वे इंसेफेलाइटिस को लेकर कुछ नहीं कर पाए। मगर प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अंतर्विभागीय समन्वय एवं जन-सहयोग से हमारी सरकार ने मात्र चार-पांच वर्षों में ही इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है
योगी ने आगे कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में ऐसे किसी भी संचारी रोग को टिकने नहीं देगी। साथ ही कहा कि यूपी में संक्रामक बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिये पिछले पांच वर्षों के दौरान जो प्रयास हुए हैं उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं, लेकिन अभी इस प्रयास को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
वहीं सीएम ने इंसेफलाइटिस का जिक्र करते हुए कहा कि इंसेफेलाइटिस इस क्षेत्र का एक अभिशाप हुआ करता था। आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मस्तिष्क ज्वर के कारण वर्ष 1977 से लेकर 2017 तक हर वर्ष मौत का एक लंबा सिलसिला चलता रहा और केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल इस बीमारी से दो-तीन हजार मौतें होती थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने मस्तिष्क ज्वर के खिलाफ कमर कसी और स्वच्छ भारत मिशन तथा अन्य अनेक अभियानों के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर काम शुरू किया, जो लोग 40 वर्षों में सिर्फ आश्वासन देते थे और कुछ नहीं कर पाए, हमने चार से पांच वर्षों में इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त करने में सफलता प्राप्त की है।”
योगी ने आगे कहा ”हमारे पूर्वज एक बात कहते थे कि रोग के उपचार से महत्वपूर्ण उसका बचाव है। यह जागरूकता का कार्यक्रम जो अभी प्रारंभ हो रहा है यह उसी बचाव के लिए हम सब को तैयार करने का एक माध्यम है।’’ उन्होंने कहा कि अगर आप इसके साथ जुड़ेंगे तो चाहे वह मस्तिष्क ज्वर हो डेंगू, चिकनगुनिया या कालाजार हो, इन सब का समाधान होगा।
आगे कहा कि न सिर्फ फाइलेरिया बल्कि ट्यूबरक्लोसिस को भी पूरी तरह समाप्त करने का एक संकल्प लिया गया है कि इस प्रकार की बीमारियों को हम कहीं भी उत्तर प्रदेश की धरती पर टिकने नहीं देंगे। प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब स्वास्थ्य की बात होगी तो पांच वर्षों में सर्वाधिक मेडिकल कॉलेज बनाने का रिकॉर्ड भी उत्तर प्रदेश के पास है।