आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक मोहम्मद आजम खान को फर्जी आरोपों में फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। नतीजतन, प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्यों ने आजम खान के खिलाफ सरकार द्वारा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करते हुए फर्जी मामलों में मुकदमे दर्ज किए जाने का विरोध किया। इसपर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सपा सदस्यों से कहा कि प्रश्नकाल के बाद ही इस मामले को उठाया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रश्नकाल के बाद वह उनकी पूरी बात सुनेंगे। इसके बावजूद सपा सदस्य अपनी बात कहते रहे।
इसी दौरान सपा के सदस्य सदन के बीचोबीच आ गए। सभापति ने उन्हें अपने-अपने स्थान पर बैठने को कहा लेकिन सदन को व्यवस्थित नहीं होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सपा के सदस्य आजम खान के मुद्दे पर ही चर्चा कराने की मांग करते रहे। इस दौरान उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी भी की। इस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस प्रकार प्रश्नकाल नहीं हो सका।
वहीं विधानसभा की बैठक शुरु होने पर सपा सदस्यों ने आजम खान सहित उन तमाम विधायकों को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया जो सरकार के खिलाफ मुखरता से आवाज उठा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब सदन के किसी सदस्य को ही न्याय नहीं मिलेगा तो किसी और को कहां न्याय मिलेगा।
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विधानसभा में सपा के वरिष्ठ सदस्य माताप्रसाद पांडेय ने आजम खान के खिलाफ हो रही कानूनी कार्रवाई को बदले की भावना और राजनीति से प्रेरित बताया। पांडेय ने कहा कि खान इस सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं। उन्हें न सिर्फ दो साल जेल में रखा गया। बल्कि उनके खिलाफ पेशेवर अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया। जमानत पर होने के बावजूद उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे है। यही नहीं सरकार उनकी जमानत तक खारिज कराने के लिए प्रयासरत है।
गौरतलब है कि सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर सदर से पार्टी विधायक मोहम्मद आजम खान पर भ्रष्टाचार तथा चोरी समेत विभिन्न आरोपों में करीब 90 मुकदमे दर्ज हैं। उनके खिलाफ मंगलवार को नगर पालिका की सफाई मशीन चोरी कर अपने द्वारा स्थापित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के काम में लेने और उसके बाद उसे जमीन में गाड़ देने के आरोप में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।