आरयू वेब टीम। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर फंसे पेंच के बीच रविवार को सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने अपना पक्ष रखा और भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज किया। साथ ही कहा चुनाव टालने के लिए भाजपा ने जान-बूझकर याचिका वापस लेने की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। इस वजह से याचिका खारिज नहीं हो सकी। अब भाजपा के लोग जनता के बीच अपने कृत्यों को छिपाने के लिए भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन जनता सब जान रही है।
रविवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में सपा सांसद ने कहा कि न्यायालय नियम-कानून के आधार पर चलता है। याचिका वापस लेने के लिए तमाम प्रक्रियाएं होती हैं। जब उन्होंने 12 जून को विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया और 13 जून को इसे स्वीकार कर लिया गया तो सीट रिक्त हो गई। यह याचिका मिल्कीपुर विधायक को लेकर दायर थी, लेकिन जब वह विधायक रहे ही नहीं, तो किस हैसियत से वकील खड़ा करेंगे। यदि भाजपा चुनाव की पक्षधर थी तो सीट रिक्त होते ही उन्हें याचिका वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करना था। जान-बूझकर चुनाव टालने के मकसद से ही ऐसा किया गया है।
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योगी सरकार को घेरने के साथ ही सपा सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया। तमाम बड़े नेताओं की फौज उतार दी, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। इससे देश-दुनिया में अयोध्या-फैजाबाद की खूब चर्चा हुई। इसी से भाजपा डरी-सहमी है और एक साथ उपचुनाव नहीं कराना चाहती है। ताकि पूरा फोकस वह मिल्कीपुर पर ही कर सके और तंत्र का दुरुपयोग हो सके। बीजेपी सरकार को डर है कि मिल्कीपुर उपचुनाव हारने पर वह कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे, लेकिन जनता ने इस बार भी भाजपा का सफाया करने का मन बना लिया है।
प्रेसवार्ता में सपा जिला महासचिव बख्तियार खान, अमित प्रसाद, प्रधान सुनील यादव, अखिलेश चतुर्वेदी व अन्य मौजूद रहे।