आरयू वेब टीम।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी और एसटी) कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवैधानिक बेंच के पास है, जिसपर अंतिम फैसला आने तक केंद्र सरकार एससी-एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन दे सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए एएसजी मनिंदर सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को प्रमोशन देना सरकार की जिम्मेदारी है। अलग-अलग हाईकोर्ट के फैसलों के चलते ये प्रमोशन रुके हुए थे। कोर्ट ने बड़ा फैसला करते हुए अन्य सभी मुकदमों को एक साथ कर दिया है, अब इनकी सुनवाई संविधान पीठ करेगी।
यहां बताते चले कि नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर विभिन्न हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर 2016 को एक आदेश निकालकर सभी तरह की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी, तब से प्रमोशन को लेकर परेशान कर्मचारी इधर से उधर भटक रहे हैं।
एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलाव के बाद मोदी सरकार घिरी हुई थी, जिसके बाद देश में दलितों का आक्रोश सामने आया था। हाल ही में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
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