आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के अवसर पर अंबेडकर महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 25 न्यायालय स्थापित किए जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर अस्थि कलश स्थल पर पुष्प भी अर्पित किए।
वहीं दो अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा भारत बंद के दौरान हुई आगजनी और हिंसा का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं किसी भी निर्दोष को पुलिस परेशान नहीं करेगी। यदी ऐसा होता है तो जवाबदेही तय होगी।
अपनी योजनाओं के विषय में बताते हुए योगी ने कहा कि हमारी सरकार हर क्षेत्र में कुछ अलग कर रही है। अब सरकार ने कक्षा नौ व दस के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में इजाफा किया है। इन सभी को 2250 के स्थान पर तीन हजार रुपए की छात्रवृति प्रदान की जाएगी। साथ ही सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि छात्रों को जो छात्रवृति काफी देर में प्राप्त होती थी, उसकी अब पहली किस्त अक्टूबर तक और दूसरी किस्त जनवरी तक उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर सीएम बोले कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने विषम परिस्तिथियों में जीवन शुरू कर अपने बल पर उन्होंने उच्च से उच्चतम शिक्षा हासिल की। उन्होंने अपना जीवन गरीबों को समर्पित किया। इस दौरान मोदी और उनकी योजनाओं का गुणगान करते हुए योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल एक भव्य स्मारक का लोकार्पण किया है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब से जुड़े पांच स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया। सही मायने में प्रधानमंत्री ने ही बाबा साहब को आजादी के बाद सम्मान दिलाने का काम किया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने आठ लाख से ज्यादा गरीब वंचित दलितों को आवास दिया। इसके अलावा 37 लाख गरीब, दलित, वंचितों को राशन कार्ड दिलाया गया है।
अंबेडकर जैसे महापुरूष को लेकर नहीं होनी चाहिए राजनीति
वहीं कार्यक्रम में मौजूद राज्यपाल राम नाईक ने अपने संबोधन में कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर का नाम किसी जाति व समाज के नहीं बल्कि विश्व भर में आदर के साथ लिया जाता है। वो भारतीय संविधान के शिल्पकार थे, इसलिए ऐसे महापुरुष को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। आजादी के सात दशक बाद भी उनके विचार आम आदमी तक नहीं पहुंच सके।
कार्यक्रम में अंबेडकर महासभा ने मुख्यमंत्री को दलित मित्र सम्मान से सम्मानित किया। इस दौरान कार्यक्रम में डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, मेयर संयुक्ता भाटिया सहित कई नेता मौजूद रहे।
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