आरयू वेब टीम।
रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने आज गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। उनके साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। चुनाव परिणाम के दौरान भाजपा दूसरे नम्बर की वियजी पार्टी थी।
जिसके बाद अन्य दलों के विधायकों ने मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाने की शर्त पर भाजपा को समर्थन देना स्वीकार किया। वहीं कांग्रेस ने मनोहर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी, लेकिन वह खारिज हो गई।
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बता दें कि मनोहर पर्रिकर पहले भी तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यह चौथी बार है जब पर्रिकर को मुख्यमंत्री का पद भार सौंपा गया। वहीं पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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उच्चतम न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कांग्रेस की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, इसमें उठाये गए सभी मुद्दों का समाधान शक्ति परीक्षण कराने के सामान्य निर्देश से हो सकता है।
इसलिए इस संबंध में प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश दिया है कि 16 मार्च को पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि सदस्यों की शपथ के बाद उस दिन सदन का एकमात्र कामकाज शक्ति परीक्षण कराना होगा।
साथ ही यह भी निर्देश दिया कि चुनाव आयोग से संबंधित औपचारिकताओं सहित शक्ति परीक्षण कराने के लिए सभी जरुरी चीजें कल तक पूरी हो जानी चाहिए।
इस दौरान पीठ में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल भी शामिल रहें। कांग्रेस ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने के राज्यपाल मृदुला सिन्हा के फैसले को चुनौती दी थी।