आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते व्यापार ठप व नौकरी जाने के चलते एक ओर लोग परेशान है तो दूसरी तरफ मंगलवार को राजधानी लखनऊ के अधिवक्ताओं ने उनका दर्द समझते हुए स्कूलों की फीस के खिलाफ मोर्चा खोला।
पुलिस की सख्ती के बावजूद आज अपने तय कार्यक्रम के तहत विधानसभा के पास पहुंचें वकीलों के समूह ने स्कूल फीस माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर जनता से सहयोग मांगा। वकीलों का कहना था कि स्कूलों की ओर से लगातार फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि अधिकतर लोगों की कोरोना वायरस व लॉकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। राजधानी लखनऊ के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को विधान भवन के सामने चटाई बिछाकर शांतिपूर्वक तरीके से अपनी मांगों के संबंध में जनता से सहयोग मांगा। अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फीस माफी की गुहार लगाई।
यह भी पढ़ें- प्रदर्शन कर कांग्रेस ने स्कूल की फीस माफी व शिक्षकों कि आर्थिक सहायता के लिए उठाई मांग
लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जितेंद्र यादव जीतू ने मीडिया से कहा कि जीतू ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के साथ स्कूल खानापूर्ति कर रहे हैं। सरकार के जिम्मेदार लोग अभिवावकों की मांगों के प्रति मौन हैं। वहीं वकीलों के एक समूह ने पुलिस द्वारा विधानसभा तक पहुंचने से रोके जाने पर परिवर्तन चौक पर भी स्कूल फीस के विरोध में प्रदर्शन कर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ नारेबाजी की।
परिवर्तन चौक पर हो रहे प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पिछले कई महीने से स्कूल बंद हैं। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। कोरोना प्रकोप के कारण काम काज बिल्कुल ठप हो गया है। आम आदमी को खाने तक का संकट आ गया है। ऐसे समय में अभिभावक स्कूल फीस कैसे बढे। सरकार को स्कूल फीस माफी के लिए आदेश जारी करना चाहिए। जिससे आम आदमी को कुछ सहूलियत मिल सके।