आरयू वेब टीम।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र बेहद महत्वपूर्ण है। सदन में सार्वजनिक महत्व के कई मुद्दे उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि संसद के सभी सदस्य जनभावना का सम्मान करेंगे और आगे बढ़ेंगे। हमारा प्रयास होगा कि सभी मुद्दों पर चर्चाएं हों। हमारी कोशिश रहेगी कि हर मुद्दे पर बातचीत हो। बेशक वाद हो, लेकिन बात होनी चाहिए।
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मालूम हो कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह वर्तमान सरकार का अंतिम शीतकालीन सत्र है। इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार ने सुझाव दिया है कि दोनों सदनों में विधायी कार्य करने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर अधिक समय तक सदन का कामकाज किया जा सकता है।
संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से आठ जनवरी तक चलेगा। सत्र के दौरान 20 बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार अनुपूरक अनुदानों की मांग पेश करेगी, जिसके जरिए वह और अधिक खर्च के लिए संसद की मंजूरी लेगी। वहीं शीतकालीन सत्र में विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी पार्टियों के रुख को देखते हुए कहा जा सकता है कि सदन हंगामेदार होगा।
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एक ओर जहां विपक्ष द्वारा राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग समेत भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता तथा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग सहित कई अन्य मुद्दे उठाए जा सकते हैं। साथ ही किसानों की समस्याओं, अर्थव्यवस्था की स्थिति सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास विपक्ष की ओर से किया जा सकता है।
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