आरयू वेब टीम।
संसद के दोनों सदनों में आज भी भारी हंगामे के चलते कार्यवाही नहीं चल सकी और एक बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में व्यवस्था नहीं होने की वजह से आज भी अविश्वास प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया जा सका। बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले दो सप्ताह की कार्यवाही हंगामे के कारण बाधित रहने के बाद तीसरे सप्ताह में भी कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है और आज लगातार 13वें दिन भी सदन का समय हंगामे की भेंट चढ़ गया।
लोकसभा की कार्यवाही आज सुबह जैसे ही आरंभ हुई तो अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे। टीआरएस के सदस्यों ने ‘एक राष्ट्र, एक नीति’ की मांग वाली तख्तियां ले रखी थीं।
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बजट सत्र के दूसरे चरण में पांच मार्च को आरंभ होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही पीएनबी धोखाधड़ी मामले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग और तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे समेत कई विषयों पर लगभग रोजाना बाधित हो रही है।
राज्यसभा की कार्यवाही भी चढ़ी हंगामे की भेट
वहीं दूसरी ओर राज्यसभा की बैठक भी कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए। सुबह, 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया और मनोनीत सदस्य केटीएस तुलसी का नाम पुकारा। इसी बीच अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा आदि के सदस्य आसन के समक्ष आ गए। अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य जहां कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे।
वहीं तेदेपा के सदस्य कडप्पा में इस्पात संयंत्र लगाने की मांग कर रहे थे। वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी और कांग्रेस सदस्य केवीपी रामचंद्र राव भी आसन के समक्ष आ कर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। हंगामा कर रहे इन सदस्यों के हाथों में तख्तियों के साथ ही पोस्टर भी ले रखे थे। सभापति ने इन सदस्यों से कहा ‘‘सदस्य सदन के नियमों से अवगत हैं। फिर भी मैं दोहराता हूं कि सदन में इस तरह पोस्टर न दिखाएं।’’
सभापति नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि हर दिन इस तरह सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। हंगामे के बीच ही सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कुछ कहने की अनुमति मांगी। आसन की अनुमति से उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत सुरक्षा मिलती रही है जो इस वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पैरवी ही नहीं की। आजाद ने कहा ‘‘इस मुद्दे पर सदन में चर्चा जरूरी है। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर अविलंब चर्चा की जाए।
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