आरयू ब्यूरो
नई दिल्ली। आज राज्यसभा में संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर हंगामा शुरु हो गया। इस पर सरकार ने कहा कि विपक्ष को जनमत के फैसले का सम्मान करना चाहिए न की अपमान।ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा बसपा सुप्रीमो मायावती ने उठाया।
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मायावती ने कहा कि यूपी चुनाव में बडे़ पैमाने पर ईवीएम में छेड़छाड़ की गई थी, जिस पर सपा, कांग्रेस और जदयू नेता शरद यादव ने मायावती का समर्थन किया। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी समर्थन करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश चुनावों में ईवीएम की जगह मतपत्र का इस्तेमाल होना चाहिए।
इस मुद्दे पर बोलते हुए विपक्षी दल के नेता स्पीकर की कुर्सी के नजदीक पहुंच कर ईवीएम विरोधी नारे लगाने लगे। विपक्षी नेताओं ने ‘ईवीएम की सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
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इस दौरान केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पंजाब में ईवीएम द्वारा हुए चुनाव परिणाम का उदाहरण देते हुए कहा कि विपक्ष को जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
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बता दें कि यूपी चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया था कि इस जीत का कारण जनमत नहीं बल्कि ईवीएम में गड़बड़ी का नतीजा है। उन्हों ने ईवीएम की जगह मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की थी।
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जिसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव को देखते हुए इस मुद्दे को उठाया। वहीं पार्टियों के इस आरोपों का चुनाव आयोग ने खंडन करते हुए कहा कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है और अजतक इसे कोई सिद्ध नहीं कर पाया है।