आरयू वेब टीम। हिमाचल प्रदेश में मौसम का प्रकोप जारी है। अलर्ट के बीच राजधानी शिमला में झमाझम बारिश जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले 72 घंटों के दौरान बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना में अधिकांश स्थानों पर मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। राज्य में 23 व 24 अगस्त के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 25 अगस्त के लिए येलो अलर्ट है।
वहीं राज्य के कई भागों में 28 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने के आसार हैं। उधर, राज्य में मंगलवार सुबह दस बजे तक तीन नेशनल हाईवे और 280 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। मंडी से सबसे अधिक 162 सड़कें ठप हैं। इसके साथ ही 703 बिजली ट्रांसफार्मर और 106 जलापूर्ति योजनाएं बंद चल रही हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक बिजली ट्रांसफार्मर व जलापूर्ति योजनाएं बंद हैं।
साथ ही शिमला में फिर से जगह-जगह भूस्खलन व पेड़ गिरने की सूचना है। टॉलेंड में पेड़ गिर गया है। तारादेवी के पास भी पेड़ गिरने से कालका-शिमला-रामपुर हाईवे बाधित हो गया। शिमला के भट्ठाकुफर में भूस्खलन हुआ है। पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा भवनों पर गिर गया है। मलबे के साथ पेड़ भी आ गए हैं।
वहीं, जिला किन्नौर की रूपी वैली को जोड़ने वाले चौरा-रूपी संपर्क मार्ग पर देर रात पहाड़ी दरक गई। मार्ग बंद होने से हजारों लोगों को आवाजाही में परेशानियां झेलनी पड़ रही है। वहीं, रामपुर-ननखड़ी मुख्य मार्ग एक माह बाद भी यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाया है। भारी बरसात के चलते मार्ग शरण ढांक में पूरी तरह से क्षतिगस्त हुआ है।
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कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे पर पंडोह डैम का अस्थायी लिंक बीती रात से जारी बारिश के कारण बंद हो गया है। इससे करीब 600 वाहन कैंची मोड़ से लेकर जोगनी माता मंदिर तक फंस गए हैं। इसी प्रकार दूसरी तरफ पंडोह, नौ मील तथा चार मील में करीब 700 वाहन कुल्लू जाने के लिए रुके हैं। मंडी पुलिस के अनुसार सड़क खुलने का समय मौसम की अनुकूल स्थिति पर निर्भर करेगा।
दस बजे तक कुल्लू से मंडी जाने वाले वाहनों का बजौरा से कमांद की ओर छोड़ा जा रहा है। औट तथा कैंची मोड़, जोगनी माता मंदिर तक फंसे हल्के वाहनों के चालकों को बजौरा से कमांद होते हुए मंडी जाने की सलाह दी गई है। जबकि हिमाचल प्रदेश में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले के कुछ जलक्षेत्रों और आसपास में अगले 24 घंटों के दौरान अचानक बाढ़ का खतरा है।