आरयू वेब टीम। राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के फैसले को शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शिवसेना ने कहा है कि उसने एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन पत्र हासिल करने के लिए तीन दिन का समय मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने खारिज कर दिया।
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शिवसेना का आरोप है कि राज्यपाल ने बीजेपी को यह बताने के लिए 48 घंटे का समय दिया कि क्या वह सरकार बना सकती है, लेकिन समर्थन पत्र हासिल करने के लिए शिवसेना को सिर्फ 24 घंटे का समय दिया। साथ ही शिवसेना का यह भी आरोप है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के अवसर से इनकार करने के लिए भाजपा के इशारे पर जल्दबाजी में काम किया।
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दायर की याचिका में शिवसेना ने कहा है कि राज्यपाल ने इस मामले में फास्ट फार्वड तरीके से काम किया है। राज्यपाल का शिवसेना को समय न देने का 11 नवंबर का फैसला अंसवैधानिक, मनमाना, अवैध और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना से आग्रह किया है कि वह सरकार बनाने के लिए उसे वाजिब समय देने का निर्देश जारी करे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे से पहले हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र के मुद्दे पर चर्चा हुई और राज्यपाल की सिफारिश को मान लिया गया।