आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र स्थित 1090 चौराहे पर हुए एक सड़क हादसे को देख आज लोग दहल उठे। शोरूम से टेस्ट ड्राइव के लिए जा रही कार के 1090 चौराहे पर अनियंत्रित होने से जहां उसकी चपेटे में आने से वहां खड़े युवक की मौत हो गयी।
वहीं कारचालक व उसके साथ बैठे शोरूम के एक अन्य कर्मी की भी जान चली गयी, जबकि दूसरे कर्मी की हालत गंभीर बतायी जा रही है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने फायर बिग्रेड के जवानों की सहायत से कार में फंसे चालक समेत तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर पुनीत मोटर्स शोरूम से टाटा की कार लेकर 32 वर्षीय चालक राम निवास किसी कस्टमर को टेस्ट ड्राइव दिलाने के लिए जा रहा था। उसके साथ कस्टमर एडवाइजर मनीष दुबे और अरुण पांडेय भी थे। पॉलिटेक्निक की ओर से 1090 चौराहे पर काफी तेज रफ्तार से पहुंची कार वहां खड़े हो दोस्त का इंतजार कर रहे 24 वर्षीय बाइकसवार वहीद आलम को कुचलते हुए गोल डिवाइडर से जा टकराई।
हादसे में वहीद की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि काफी स्पीड होने की वजह से कार के भी परखच्चे उड़ गए। कार में एयर बैग होने के बावजूद ड्राइवर व मनीष दुबे ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि गंभीर रुप से घायल अरुण को लोगों ने सिविल अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने स्थिति चिंताजनक बताते हुए उसे लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। लोहिया में भर्ती अरुण की हालत गंभीर बनी है।
घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने मांगी फायर विभाग से सहायता
भीषण हादसे के चलते ड्राइव का शव कार में फंस गया था, करीब दो घंटों के प्रयास के बाद भी गौतमपल्ली पुलिस शव को बाहर नहीं निकाल सकी। जिस पर पुलिस ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी को सूचना दी। जिसके बाद सीएफओ के निर्देश पर गैस कटर लेकर घटनास्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कार के एक हिस्से को काटकर चालक के शव को बाहर निकाला।
तीन इंसान की जिंदगी छीनने व चौथे की जान खतरे में डालने वाले सड़क के बीचों-बीच हुए इस एक्सिडेंट को जिसमें भी देखा सहम गया। कार की स्पीड अधिक होने की वजह से शवों की स्थिति भी काफी खराब हो गयी थी। मौके पर जुटी भीड़ में कई लोगों को लाश व कार की हालत देख चक्कर आने लगा, लेकिन इन सबके बावजूद गौतमपल्ली पुलिस की लापरवाही भी सामने आयी है।
तीन की गयी जान, पुलिस सीसीटीवी फुटेज देखने समेत बेसिक जानकारी भी नहीं जुटा सकी
पूर्वान्ह करीब 11 बजे हुए इस भीषण एक्सिडेंट के लगभग 12 घंटे बाद तक गौतमपल्ली पुलिस ने चौराहे पर लगे सीसीटीवी को देखने तक की जहमत नहीं उठाई थी, इतना ही पूंछने पर भी इंस्पेक्टर गौतमपल्ली कार के मॉडल से लेकर यह तक नहीं बता सके कि कार कहां जा रही थी। इसके अलावा लखनऊ के सबसे वीआइपी माने जाने वाले गौतमपल्ली कोतवाली के इंस्पेक्टर इस बात तक का भी अंदाजा नहीं लगा पा रहे थे कार के अनियंत्रित होने की वजह क्या थी। इंस्पेक्टर की लापरवाही को देखते हुए सवाल उठता है कि घटना के घंटों बाद भी पुलिस ने एक्सिडेंट से जुड़ी बेसिक जानकारी भी जुटानी क्यों नहीं जरूरी समझी, जबकि होने तो यह चाहिए था कि कारण पता कर भविष्य में इस तरह के हादसे न हो उसके लिए पुलिस कदम उठाती।
इस मामले में जहां पुलिस की लापरवाही सामने आयी है। वहीं मौके पर जुटे प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि कार 1090 चौराहे पर पहुंचने से पहले ही न सिर्फ अनियंत्रित हो चुकी थी, बल्कि कुछ वाहनों को टक्कर भी मारी थी। कुछ लोग जहां चालक के नशे में होने का अंदाज लगा रहे थे, वहीं कुछ का यह भी कहना था कि कार में ही कोई तकनीकी दिक्कत थी, जिसकी वजह से चालक वाहन से नियंत्रण हट गया। हालांकि तमाम संभावनाओं के बीच इंस्पेक्टर गौतमपल्ली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने व जांच होने पर ही स्थिति साफ होने की बात करते रहें। दूसरी ओर एक दुर्घटना के चलते तीन युवाओं के अचानक इस दुनिया से जाने की वजह से उनके परिजनों में कोहराम मचा था।