पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को हाई कोर्ट से मिली जमानत, दो साल बाद होंगे जेल से रिहा

पत्रकार सिद्दीक कप्पन

आरयू ब्यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस कांड की रिपोर्टिंग करने जाते समय मथुरा से गिरफ्तार किये गए पत्रकार कप्पन सिद्दीकी कप्पन को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। कप्पन को ईडी के धन शोधन के एक मामले में जमानत मिली है। हाई कोर्ट के इस फैसले से सिद्दीकी कप्पन के पूरे दो साल बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। आज जमानत आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने पारित किया, जबकि कप्पन की ओर से अधिवक्ता ईशान बघेल और मोहम्मद खालिद पेश हुए।

इस महीने की शुरुआत में, लखनऊ की एक अदालत ने पीएमएलए मामले में कप्पन और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे, ईडी ने पिछले साल फरवरी में आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (चार्जशीट के बराबर) दायर की थी। कप्पन ने लखनऊ की एक अदालत द्वारा जमानत नामंजूर किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।

इससे पहले नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दीकी कप्पन को जमानत दे दी थी, हालांकि शीर्ष कोर्ट ने कप्पन को सशर्त जमानत दी थी, जिसमें कहा गया था कि कप्पन को उत्तर प्रदेश की जेल से छूटने के बाद अगले छह हफ्तों तक दिल्ली में रहना होगा और उसके बाद वे केरल जा सकेंगे।

इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा और हर सोमवार को उन्हें पुलिस थाने में हाजिरी भी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कप्पन को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में भी जमानत के आवेदन करने की छूट मिल गई थी। केरल के पत्रकार कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर 2020 में चार लोगों के साथ मथुरा से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस जा रहे थे।

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हाथरस में एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस का आरोप था कि कप्पन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े हैं औऱ वे हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश रचने जा रहे थे। कप्पन के खिलाफ धारा 153ए, 295ए, 124ए, 120बी और यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया था। हालांकि कप्पन का दावा है कि वे हाथरस में युवती के गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे।

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