आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को अमित शाह की रैली में जहां एक ओर गृह मंत्री योगी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे। उसी दौरान पुलिस को चकमा देते हुए रैली में घुसे 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने आरक्षण घोटाले का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। ओबीसी आरक्षण सही तरीके से लागू करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। गृह मंत्री के सामने अभ्यर्थियों के रैली में हंगामें से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। जिसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों को वहां से खदेड़ा।
दरअसल रैली में अपनी मांगों को लेकर 50 से अधिक की संख्या में महिला व पुरुष अभ्यर्थी पहुंच गए। अभ्यर्थियों ने एका-एक नारेबाजी शुरू कर दी। अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री चोर है के नारे लगाए। बैनर लहराए। एका-एक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से वहां भगदड़ जैसे हालात हो गए। पुलिस के जवान भागते हुए अभ्यर्थियों के पास पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बैनर-पोस्टर छीने और वहां से खदेड़ा, लेकिन अभ्यर्थी नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर आरक्षण की मांग करने वालों को वहां से खदेड़ा।
शिक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण सही तरीके से लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन अभ्यर्थी छह महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत और एससी वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया है। इसमें धांधली करते हुए 15 हजार नौकरियां दूसरे वर्ग के लोगों को देने की कोशिश हुई है।
नियुक्ति के लिए CM आवास तक कैंडल मार्च निकाल रहे शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर बरसाई लाठी, कई घायल
इससे पहले अभ्यर्थी सीएम कार्यालय, शिक्षा मंत्री आवास, भाजपा कार्यालय, शिक्षा निदेशालय समेत तमाम जगहों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। छह महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन अभी तक मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।
अभ्यर्थियों की मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में जितने भी अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है, उन सभी अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाए।