आखिरकार पकड़ी गयी 25 स्कू‍लों में फर्जी तरीके से नौकरी कर एक करोड़ की ठगी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला

फर्जी शिक्षिका
शिक्षिका से पूछताछ करती पुलिस।

आरयू संवाददाता, कासगंज। उत्तर प्रदेश के 25 सरकारी स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी कर एक करोड़ रुपये की ठगी कर चर्चा में आई शिक्षिका अनामिका शुक्ला को कासगंज पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। अनामिका शुक्ला यहां के कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में विज्ञान की शिक्षिका के रूप में पूर्णकालिक रूप से सेवाएं दे रही थी। बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर जिले में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की तलाश की गई तो कस्तूरबा विद्यालय में यह शिक्षिका पाई गई।

एक दिन पूर्व शुक्रवार को बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने शिक्षिका के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया था। ये नोटिस व्हाट्सएप पर भेजा गया था। शुक्रवार की शाम शिक्षिका ने इस नोटिस को देखा तो शनिवार सुबह को वो अपना इस्तीफा देने बीएसए दफ्तर के बाहर पहुंची। अपने साथ आए एक युवक के माध्यम से उसने इस्तीफे की प्रति बीएसए को भेजी। वहीं जब इस्‍तीफे लेकर पहुंचे युवक से शिक्षिका के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि अनामिका शुक्ला बाहर सड़क पर खड़ी हैं।

इस पर बीएसए अंजली अग्रवाल ने सोरों पुलिस को मामले की जानकारी दी और कार्यालय के स्टाफ के माध्यम से घेराबंदी कर ली। पुलिस ने तुरंत आकर शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस शिक्षिका को सोरों कोतवाली ले आई। कोतवाली प्रभारी रिपुदमन सिंह ने बताया कि शिक्षिका अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

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बता दें कि राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत एक शिक्षिका का वेतन एक करोड़ निकला। इसके लिए शिक्षिका प्रदेश के 25 स्कूलों में एक साथ नौकरी कर वेतन पा रही थी, ये मामला संज्ञान में तब आया जब विभाग ने शिक्षकों का डेटाबेस बनाना शुरू किया और अब विभाग ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, अब शिक्षकों का डिजिटल डेटाबेस बनाया जा रहा है और इस प्रक्रिया के दौरान केजीबीवी में काम करने वाली पूर्णकालिक शिक्षिका अमेठी, अंबेडकरनगर, रायबरेली, प्रयागराज, अलीगढ़ और अन्य जिलों में एक साथ फर्जी तरीके से 25 स्कूलों में काम करती हुई पाई गईं। एक डिजिटल डेटाबेस के बावजूद, शिक्षिका इस साल फरवरी तक का वेतन धोखाधड़ी कर विभाग से निकालने में सफल रही। शिक्षिका ने 13 महीनों तक का वेतन लगभग एक करोड़ रुपये निकाले  हैं।

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