आरयू वेब टीम। कोरोना के बढ़ते संकट व बंदी का सबसे अधिक असर निमार्ण कार्य करने वाले मजदूरो व रोज मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाले कामगारो पर पड़ रहा। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पत्र लिखा है। सोनिया गांधी ने मंगलवार को पीएम मोदी से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए आपात कदम उठाए जाएं और कुछ निश्चित राशि की मदद उन्हें दी जाए।
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि निर्माण क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए बने राज्य बोर्डों ने उपकर के माध्यम से 31 मार्च, 2019 तक 49,688 करोड़ रुपये की राशि का संग्रह किया था और इसमें से सिर्फ 19,380 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम एक महामारी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदमों की जरूरत है।
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इन कदमों से आर्थिक गतिविधियां व्यापक रूप से बाधित हुई हैं जिसका असंगठित क्षेत्र पर काफी बुरा असर पड़ा है। लाखों प्रवासी कामगार बड़े शहरों से अपने कस्बों और गांवों की तरफ कूच कर गए हैं। ‘अब निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले 4.4 करोड़ से अधिक कामगारों का भविष्य अधर में पड़ गया है।
उन्होंने आगे कहा कि शहरों के बंद करने के कड़े कदमों से बहुत सारे कामगारों के सामने जीविका का संकट भी पैदा हो गया है। सोनिया के मुताबिक, कनाडा समेत कई देशों ने कोरोना वायरस के संकट के बीच आर्थिक योजना सामने रखी है। ऐसे में यहां की अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए कागमारों के हित में कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए आपात कदम उठाए जाएं और कुछ निश्चित राशि की मदद उन्हें दी जाए।