सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जगन्नाथ रथयात्रा को हरी झंडी

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। जगन्नाथपुरी रथयात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ पुरी में 23 जून को होने वाली रथयात्रा को कोरोना महामारी के कारण 18 जून को ही रोक लगा दी थी। लेकिन शीर्ष अदालत के इस फैसले के खिलाफ कई पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हो गईं और कोर्ट से अपने पूर्व के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है।

इस पुनर्विचार याचिकाओं पर चीफ जस्टिस एसएस बोबडे के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की। सीजेआइ ने कहा कि ”हमें पता है। ये सब माइक्रो मैनेजमेंट राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्र की गाइडलाइन के प्रावधानों का पालन करते हुए जनस्वास्थ्य के हित के मुताबिक व्यवस्था हो।’ तुषार मेहता ने कहा, ‘गाइडलाइन के मुताबिक व्यवस्था होगी।’ तो इसपर सीजेआइ ने उनसे सवाल किया। ‘आप कौन सी गाइडलाइन की बात कर रहे हैं?’ जिसके जवाब ने एसजी ने कहा कि जनता की सेहत को लेकर गाइडलाइन का पालन होगा।

केंद्र की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता। यह करोड़ों लोगों की आस्था की बात है। यदि भगवान जगन्नाथ कल नहीं आएंगे, तो वे परंपराओं के अनुसार 12 साल तक नहीं आ सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए की महामारी ना फैले, सावधानी बरतते हुए राज्य सरकार एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा सकती है।

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केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता किए बिना और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से रथ यात्रा का संचालन किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने कहा, ‘किसी भी स्वास्थ्य मुद्दे से समझौता नहीं किया जाएगा और लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा।

एसजी ने कहा, ‘जगतगुरू शंकराचार्य, पुरी के गजपति और जगन्नाथ मंदिर समिति से सलाह कर यात्रा की इजाजत दी जा सकती है। केंद्र सरकार भी यही चाहती है कि कम से कम आवश्यक लोगों के जरिए यात्रा की रस्म निभाई जा सकती है।’ सीजेआइ ने इस पर सवाल पूछा कि ‘शंकराचार्य को क्यों शामिल किया जा रहा है? पहले से ट्रस्ट और मन्दिर कमेटी ही आयोजित करती है। तो शंकराचार्य को सरकार क्यों शामिल कर रही है?’ इस पर मेहता ने जवाब दिया कि केंद्र उनसे मशविरा लेने की बात कर रहे है क्योंकि वो ओडिशा के लिए धार्मिक सर्वोच्च गुरू हैं।

वहीं मेहता ने कहा कि शंकराचार्य की ओर से तय किए गए अनुष्ठानों में वो सभी सेवायत भाग ले सकते हैं जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव है। लोग टीवी पर लाइव टेलीकास्ट देख सकते हैं और आशीर्वाद ले सकते हैं। पुरी के राजा और मंदिर समिति इन अनुष्ठानों की व्यवस्था की देखरेख कर सकते हैं ।

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