आरयू ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली के संकट के बीच ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आंदोलन कर रहे अभियंताओं कार्मिकों व संगठनों से अपील की है कि दशहरा, दीपावली, भैयादूज जैसे त्योहारों का समय है, उपभोक्ताओं के हित में आंदोलन खत्म करके निर्बाध बिजली देकर त्योहार मनवाएं। समस्याओं का हल वार्ता से निकालें।
ऊर्जा मंत्री ने प्रबंधन को भी निर्देश दिया है कि वे कार्मिकों की वाजिब मांगों पर शीघ्र निर्णय लें। वहीं ऊर्जा मंत्री की अपील पर अभियंता संघ ने आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया है। ऊर्जा मंत्री ने बुधवार को कार्मिकों की जिम्मेदारी, कॉरपोरेशन के संकट और आंदोलन के औचित्य पर खुलकर बातें रखीं। मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि त्योहारों में विद्युत आपूर्ति सामान्य रखकर हर क्षेत्र को तय शेड्यूल के अनुरूप बिजली आपूर्ति कराना हम सबका दायित्व है।
पावर कॉरपोरेशन के सामने गंभीर वित्तीय संकट
साथ ही कहा कि कोरोना महामारी व अन्य कारणों से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व संबंधित वितरण कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। कॉरपोरेशन की देनदारियां बढ़ रही हैं, घाटा 90 हजार करोड़ से भी अधिक हो गया है। मंत्री ने स्वीकारा कि कर्ज में डूबे पावर कॉरपोरेशन के सामने गंभीर वित्तीय संकट है। कॉरपोरेशन कोयले का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है और एनटीपीसी की ओर से की जा रही आपूर्ति की गई बिजली का बकाया भी नहीं दे पा रहा है। प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बनाए रखने के लिए महंगी बिजली खरीदकर आपूर्ति सामान्य रखना बड़ी चुनौती है।
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समय से वेतन देना ही मुश्किल, तो …
ऊर्जा मंत्री ने कार्मिकों से यहां तक कहा है कि उनका समय से वेतन देना ही कॉरपोरेशन के लिए कठिन है, उस समय वेतन आदि का बढ़ाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करना प्रदेश, उपभोक्ता व विभाग तीनों के हित के विपरीत है। आंदोलन से पावर कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति व बिजली आपूर्ति दोनों प्रभावित हो सकते हैं।