आरयू वेब टीम। यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना की इजाजत शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने दे दी। मतगणना रविवार से शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतगणना केंद्रों पर वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया जाए, जिन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उधर यूपी सरकार ने कहा कि प्रमुख सचिव स्तर के अफसर नियुक्त किए हैं। सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जब तक मतगणना चलेगी कर्फ्यू जारी रहेगा। कोई विजय जलूस नहीं होगा।
सुनवाई के दौरान यूपी चुनाव आयोग की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि प्रशासन ने 829 मतगणना केंद्रों पर पूरा इंतजाम किया हुआ है। कोविड प्रोटोकॉल को लेकर निर्देश दिए हैं। उच्चाधिकारियों को कहा गया है कि पूरी तरह इंतजाम हों और सामाजिक दूरी व सेनेटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। सभी सीटों पर एक साथ मतगणना नहीं होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या दो हफ्ते के लिए मतगणना को रोका नहीं जा सकता। अभी हालात खराब हैं। पहले हालात सुधर जाए तो मतगणना की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है? क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकता? अगर तीन हफ्ते टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दो मई, रविवार को पंचायत चुनाव में हुए मतदान के मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी और सभी मतपत्रों की गिनती होने तक जारी रहेगी। उन्होंने संभावना जताई कि मतगणना प्रक्रिया पूरा होने में लगभग दो दिन का समय लग सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को स्पष्ट हिदायत दी है कि मतगणना केंद्रों में उन्हें ही प्रवेश मिलेगा जिनकी कोविड की रिपोर्ट निगेटिव होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी सभी जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह आदेश दिया है कि प्रत्येक मतगणना केंद्र पर मतगणना के दिन मेडिकल हेल्थ डेस्क खोले जाएं। कोविड के लक्षण जैसे बुखार, जुकाम आदि होने पर मतगणना स्थल पर प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। आयोग ने विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगाया है। मतगणना केंद्र पर जाने वाले सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।