सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी अदालत की सुनवाई पर लगाई रोक, पेश हुई ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट

वाराणसी में 144
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट की गुरुवार की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी। अब मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जिस वक्त वाराणसी कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगाई तब वहां सुनवाई जारी ही थी। वाराणसी कोर्ट में तब ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सर्वे रिपोर्ट पेश की जा रही थी।

अब सुप्रीम कोर्ट कल शुक्रवार को इस मामले पर दोपहर तीन बजे सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी के मसले पर कल तीन जजों की बेंच सुनवाई होगी। कोर्ट ने हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन से कहा कि वह अपने स्थानीय वकील से कहें कि वह ट्रायल कोर्ट में आगे कार्यवाही ना करें।

दूसरी ओर आज ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट के पास जमा की गई। ये रिपोर्ट कोर्ट द्वारा गठित स्पेशल असिस्टेंट कमिश्नर द्वार पेश की गई है। इसे स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने तैयार किया है। इसे वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में आज जमा किया गया। यह रिपोर्ट 12 पन्नों की है।

ज्ञानवापी मामले में सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी गई है। दो पन्नों की रिपोर्ट में पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने हिंदू धर्म के प्रतीक और अवशेष मिलने का जिक्र किया है। कोर्ट के आदेश के बाद छह और सात मई को सर्वे किया गया था। रिपोर्ट में अजय मिश्रा ने कहा कि विवादित स्थल के उत्तर से पश्चिमी दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा नजर आया, जिस पर देवी-देवताओं और कमल की आकृति देखी गई। उत्तर पश्चिम के कोने पर छड़ गिट्टी सीमेंट के चबूतरे पर नया निर्माण किया गया है।

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रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर से पश्चिम की ओर चलते हुए मध्य शिला पट्ट पर शेषनाग की नागफन जैसी कलाकृति थी। शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग से उभरी हुई कलाकृति नजर आई। ताखे के नीचे गोल घुमावदार आकृति उकेरी हुई और शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की चार कलाकृति दिखाई दी। सभी शिलापट्ट जमीन पर काफी लंबे समय से पड़े प्रतीत हो रहे थे। ये सभी पहली नजर में किसी बड़े भवन के खंडित अंश नजर आते हैं। पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर और मस्जिद की पश्चिमी दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है, ये शिलापट्ट पत्थर भी उन्हीं का हिस्सा महसूस होता है।

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