आरयू वेब टीम।
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चल रहे भारी विरोध के बीच आज देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी मंशा जाहिर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक याचिका को खारिज करते हुए इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साल की बहुचर्चित फिल्म को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। उच्चतम न्यायलय के इस फैसले से फिल्म का विरोध कर रही याचिकार्ता करणी सेना को बड़ा झटका लगा है।
उच्चतम न्यायलय ने शुक्रवार को इस मामले में कहा कि अभी नहीं हो सकती है फिल्म पर सुनवाई, क्योंकि सेंसर बोर्ड से भी सर्टिफिकेट नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा कि इस फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड के लिए पर्याप्त दिशा-निर्देश हैं। ऐसे में हम कैसे सुनवाई कर सकते हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने फिल्म पद्मावती पर दायर याचिका पर सीधे मना कर दिया था।
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बता दें कि राजपूत कर्णी सेना इस फिल्म का विरोध कर रही है। कुछ महीनों पहले कर्णी सेना के लोगों ने फिल्म के सेट पर खूब हंगामा किया था और फिल्म के निर्देशक संजयलीला भंसाली के साथ मारपीट भी की थी।
याचिकाकर्ता सिद्धराज सिंह चूडास्मा ने इस बात की आशंका जताई है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के चरित्र को जिस तरह दिखाया गया है वो राजपूत समाज को आहत करने वाला हो सकता है। ऐसे में समाज के लोगों को इस बात का मौका मिलना चाहिए कि वे फिल्म को रिलीज से पहले देख सकें।
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हालांकि जिस विवाद को लेकर इस फिल्म का विरोध हो रहा है उस पर इस फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली हाल ही एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रख चुके हैं। भंसाली ने साफ-साफ कहा है कि फिल्म में पूरी मर्यादा का ध्यान रखा गया है। साथ ही अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती को लेकर कोई भी गलत सीन नहीं है। लेकिन याचिका में आरोप लगाया गया है कि डायरेक्टर ने इसे बनाने में कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता ली है और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया है।
याचिका में कहा गया है कि फिल्म के गाने में रानी पद्मावती घूमर डांस करती नजर आ रही हैं, जबकि राजघराने की रानियां घूमर और ठुमके नहीं लगाती थीं। इसके साथ ही दीपिका के कॉस्टयूम पर भी सवाल उठाया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि पद्मावती के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जाए। दूसरी ओर फिल्म के विवाद पर मौका देखते हुए कई पार्टियों के नेता भी बयानबाजी कर सुर्खियां बटोर रहें है।
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