आरयू संवाददाता,
पीजीआइ। विवेक तिवारी की हत्या को लेकर पहले ही फजीहतों के दौर से गुजर रही राजधानी पुलिस के लिए सोमवार की सुबह भी एक नई चुनौती लेकर आयी। पीजीआइ इलाके के तेलीबाग में आज तड़के लबे सड़क एक व्यापारी के मकान पर धावा बोलकर करीब आधा दर्जन डकैतों ने दंपत्ति को बंधक बनाकर लाखों रुपए के गहने व नकदी लूट लिए।
लगभग आधा घंटे चली असलहे से लैस नकाबपोश बदमाशों की डकैती के बाद व्यापारियों में नाराजगी है। घटना की सूचना लगते ही कुछ ही देर में पीजीआइ पुलिस के अलावा एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी नार्थ विक्रांत वीर, सीओ कैंट तनु उपाध्याय, फिंगर प्रिंट व डॉग स्क्वॉएड की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की।
बताया जा रहा है कि तेलीबाग इलाके के बड़े व्यापारियों में गिने जाने वाले मोतीलाल अग्रवाल मकान के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर जनरल स्टोर के सामानों की गोयल जनरल स्टोर के नाम से होलसेल दुकान चलाते है, जबकि दुकान वाले ही भवन के पहले तल पर वो अपनी पत्नी सरोज, बेटे आकाश व बेटी श्रद्धा के साथ रहते हैं।
मोतीलाल ने बताया कि आज सुबह करीब पांच बजे वो अपने कमरे में सो रहे थे। तभी मेन चैनल गेट समेत तीन चैनल गेटों का ताला तोड़ चार-पांच बदमाश धड़धड़ाते हुए उनके कमरे में घुस गए। असलहे के दम पर पति-पत्नी को बंधक बनाते हुए पूरे कमरे को खंगाल डाला। इस दौरान डकैत गालियां और धमकी देने के साथ ये भी कह रहे थे कि तुम लोग उनका कुछ नहीं कर पाओगे, उनके अन्य साथी नीचे भी खड़े हैं।
कुछ नहीं मिलने पर जान से मारने की धमकी देने लगे, जिसके बाद उन्होंने कमरे के रखे गहने और नकदी के बारे में डकैतों को जानकारी दी जिसे समेटने के साथ ही पत्नी के पहने हुए गहने भी उतरवाकर ले लिए। जाते-जाते बदमाशों ने पति-पत्नी को बाथरूम में बंद कर दिया। बदमाशों के जाने के बाद दंपत्ति ने आवाज लगाकर दूसरे कमरों में सो रहे अपने बेटे व बेटी को बुलाया।
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मोतीललाल ने बताया घटना के बाद उन्होंने इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को सौ नंबर पर दी, जिसके बाद 15 से 20 मिनट में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। हालांकि दोपहर तक मोतीलाल ये नहीं बता सके थे कि उनके घर कितने की डकैती पड़ी है।
घर के बारे में जानते थे डकैत, करीबी पर शक
वहीं घर में घुसने के साथ ही डकैतों ने सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए उसके तार भी नोंच डाले। इतना ही नहीं डकैतों ने उसी कमरे को टारगेट किया जिसमें व्यापारी दंपत्ति सो रहे थे, जबकि दूसरे कमरों में सो रहे बेटे व बेटी को उन्होंने भनक तक नहीं लगने दी। इसके अलावा तीन चैनल गेट पर लगे पांच तालों को उन्होंने काफी सफाई से तोड़ा था। काफी कम समय में पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले डकैतों की मॉडस ऑपरेंडी को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि डकैतों की सहायता व्यापारी के ही किसी ऐसे जानने वाले ने की होगी जिसका उनके घर में आना-जाना होगा।
जानकार ही नहीं, शातिर भी थे बदमाश!
डकैती की इस घटना में एक खास बात ये भी निकलकर आयी है कि, बदमाशों ने घटना को अंजाम देने का समय रात की जगह सुबह पांच बजे का चुना। अमूमन इस समय पुलिस भी गश्त करने के बाद वापस अपने ठिकानों पर लौट जाती है। इसके अलावा डकैतों ने व्यापारी को शारीरिक क्षति भी लगभग न के बराबर पहुंचायी है, जिससे कि घटना के बाद ज्यादा हो-हल्ला न मचें।
हालांकि दिन निकलने के बाद घटना के होने पर भी किसी प्रत्यक्षदर्शी का पुलिस को न मिलना और आधा दर्जन तालों के टूटने व मां-बाप को बंधक बनाने के बाद भी बगल के कमरों में मौजूद बेटे व बेटी को घटना की भनक न लगना भी कई सवाल खड़े कर रहा है।
व्यापारियों ने पुलिस को दिया दो दिन का समय
दूसरी ओर घटना की जानकारी लगते ही व्यापारी नाराज हो गए। मौके पर पहुंचें आदर्श व्यापार मंडल के लोगों ने कहा कि सड़क का ये हाल है तो गालियों में बने मकानों का क्या होगा। पुलिस दो दिनों में बदमाशों को पकड़ने के साथ ही व्यापारी से लूटा गया सामान बरामद करे। नहीं तो व्यापारी आंदोलन करेंगे।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि व्यापारी के घर से बदमाश कैश व गहने ले गए हैं, फिलहाल व्यापारी ने इसके बारे में डिटेल नहीं दी है। बदमाशों के गैंग का पता लगाने के लिए पुलिस की टीमें लखनऊ समेत आस-पास के जिलों में पड़ताल के लिए भेजी गयी है।
हुई थी 50 लाख की डकैती
वहीं बाद में इंस्पेक्टर पीजीआइ रविंद्रनाथ राय ने बताया कि मोतीलाल अग्रवाल ने करीब 15 लाख रुपए नकद व 35 लाख रुपए के गहने बदमाशों के ले जाने की बात कही है। पुलिस संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर बदमाशों की तलाश करने के साथ ही अन्य बिन्दुओं पर बारीकी से जांच कर रही है।
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