आरयू वेब टीम।
कई दिनों की चर्चा के बाद आज तमिलनाडु को उसका नया सीएम मिल गया। शशिकला दल के नेता ईके पलानीसामी ने अपने 31 विधायक मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।
दूसरी ओर पलानीसामी के शपथ लेते ही कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार देख रहे पनीरसेल्वम इस पद से मुक्त हो गए। पनीरसेल्वम ने आज एक बार फिर कहा कि वह अन्नाद्रमक को शशिकला के परिवारवालों के हाथों में जाने नहीं देंगे। जब तक अम्मा (जयललिता) का शासन स्थापित नहीं हो जाता हमारा धर्मयुद्ध चलता रहेगा।
बता दें कि ई के पलानीसामी ने कल रात और आज सुबह गवर्नर सी विद्यासागर राव से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा किया था। सुबह की मुलाकात के बाद गवर्नर ने उन्हें सरकार गठन का न्यौता दिया और मुख्यमंत्री नियुक्त किया।
दूसरी ओर पनीरसेल्वम ने भी कल राज्यपाल से भेंट कर अपना दावा जताया था। इससे पहले वे लगातार सदन में अपनी बहुमत साबित करने का दावा पेश करते रहे हैं, लेकिन पलानीसामी ने बहुमत की संख्या से ज्यादा विधायकों के अपने समर्थन में होने की सूची राज्यपाल को सौंपी।
ऐसे में गवर्नर ने उन्हें न्यौता देना उचित समझा। उल्लेखनीय है कि पन्नीरसेल्वम पहले ही शशिकला को विधायक दल का नेता चुने के बाद पद से इस्तीफा दे चुके थे, लेकिन गवर्नर के निर्देश के अनुसार वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य का कामकाज देख रहे थे।
राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार राज्यपाल ने आज अन्नाद्रमुक के पार्टी मुख्यालय सचिव इदापड्डी के पलानीसामी को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है, और उन्हें जल्द से जल्द मंत्रालय का गठन करने के लिए आमंत्रित किया है।
राज्यपाल का निमंत्रण पलानीसामी द्वारा 14 फरवरी को जमा कराए गए पत्र की ‘स्वीकृति’ के रूप में आया है। उस पत्र में पलानीसामी ने कहा था कि उन्हें उस दिन विधायकों की एक बैठक में अन्नाद्रमुक के विधायी दल का नेता चुना गया है।