आरयू ब्यूरो
लखनऊ। रसूखदारों समेत खुद को फायदा पहुंचाने के लिए लैंड यूज चेंज करने का आइडिया लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है। सोमवार को जहां कमीशनर ने 58 रसूखदारों के लैंडयूज का फैसला खारिज कर दिया। वहीं आज भारतीय जनता पार्टी ने नियम कानून की बलि चढ़ाकर शहरवासियों के सुकून छीनने वाले इस फैसले के जिम्मेदारों की भी जांच कराने की बात कही है।
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भाजपा के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण से एक खास परिवार और कुछ नौकरशाहों के पक्ष में हुई लैंड यूज बदलने की कार्रवाई रद्द कर ये साफ संदेश दे दिया गया है कि भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वो कितना भी प्रभावशाली क्यों ना हो।
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ऐसे अफसरों के खिलाफ भी जांच कराई जाएगी जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर लैंड यूज बदलने की कार्रवाई की थी। एलडीए के इस फैसले से राजस्व का नुकसान तो हुआ ही साथ ही आम लोगों में भी इससे नाराजगी थी।
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शलभ मणि ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार संकल्प पत्र के वायदे पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत ही सरकार ने विकास प्राधिकरणों में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
इसके अलावा रिवर फ्रंट घोटाले, जेपीएनआईसी घोटाले, हेरिटेज जोन घोटाले, एक्सप्रेस-वे घोटाले, समाजवादी पेंशन घोटाले और यूपीएसआईडीसी घोटाले की भी जांच शुरू कर दी गई है।