पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा गलत वजह से तीन तलाक देने वालों का होगा सामाजिक बहिष्कार

तीन तलाक
पत्रकारों को जानकारी देते बार्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी। फोटो-आरयू

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश समेत देश भर में तीन तलाक को लेकर छिड़ी बहस के बाद आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बिना शरई वजह के तीन तलाक देने वालों का बायकॉट करने का ऐलान किया है।

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ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिनी बैठक आज सम्पन्न होने के बाद डालीगंज स्थित नदवा कॉलेज में प्रेसवार्ता कर बार्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने यह जानकारी दी। बैठक में तीन तलाक के मसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कोड ऑफ कंडक्ट जारी किया।

शरई कानून में दखलंदाजी नहीं की जाएगी बर्दाशस्‍त

उन्‍होंने कहा कि देश में शरई कानूनों में किसी भी तरह की दखलंदाजी को बर्दाशस्‍त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही देश में ज्यादातर मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी भी तरह का बदलाव नहीं चाहते।

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शरीअत के बारे में जानकारी नहीं रखने वाले खड़े कर रहे सवाल

बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि देश में पर्सनल लॉ पर कुछ इस तरह चर्चा होने लगी है कि अब उनकी अहमियत और उपयोगिता पर सवाल खड़े किए जाने लगे। इसके साथ ही शरीअत के बारे में कोई जानकारी ना रखने वाले लोगों ने इस पर उंगली उठाना शुरू कर दिया है। ऐसे हालात में शरीअत का सही रूप देश के सामने रखने के लिए बोर्ड की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

धार्मिक आजादी है संवैधानिक अधिकार

बोर्ड ने फिर से एक बार इस बात को साफ किया कि धार्मिक आजादी हमारा संवैधानिक अधिकार है। पर्सनल लॉ पर अमल करने की राह में कोई रुकावट न पैदा की जाए।

बेटियों को दहेज के बजाए संपत्ति में दे हिस्‍सा

बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम बेटियों को दहेज के बजाय संपत्ति में हिस्सा दें, तलाकशुदा महिला की मदद की जाए। बोर्ड तीन तलाक की पाबंदी के खिलाफ है।

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मुसलमान नहीं चाहते शरई कानून में बदलावा

मौलाना ने कहा कि मुल्क में मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर बोर्ड के हाल में चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से मुसलमानों ने एक बार फिर यह बता दिया कि हिन्दुस्तान का संविधान इस देश के तमाम नागरिकों को अपने धार्मिक मामलों पर अमल करने की आजादी देता है और मुसलमान मर्द और औरतें शरई कानूनों में कोई भी बदलाव या हस्तक्षेप नहीं चाहते।

अयोध्‍या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे

मौलाना ने अयोध्‍या के मसले पर कहा कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेगा। कहा गया कि बाहर इस विवाद को सुलझाने की कोशिशें नाकाम हुई हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मां-बाप को जायदाद में बेटियों को हक देने का निर्णय भी लिया है।