आरयू वेब टीम। ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी के दावे को लेकर मंगलवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि डोर्सी के इस दावे से एक बार फिर प्रमाणित हो गया है कि मौजूदा सरकार देश के लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत यह दावा भी किया कि सरकार के निर्देश पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर छह महीने के लिए रोक लगाई गई थी।
सरकारी दबाव और बंद किये जाने की धमकियों का करना पड़ा सामना
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि इस सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरानईज़्स सरकारी दबाव और बंद किये जाने की धमकियों का सामना करना पड़ा था। वहीं सरकार ने उनके दावे को झूठा करार दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर मीडिया से बातचीत में कहा, “जब किसान दिल्ली के आस-पास धरने पर बैठे थे तो उस वक्त न सिर्फ उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी और आतंकवादी कहा जा रहा था, बल्कि ट्विटर को भी धमकी दी जा रही थी कि इन लोगों की आवाज को जगह नहीं दी जाए।”
भाजपा की ओर से तथाकथित टूलकिट किया जारी
उन्होंने कहा, “किसान आंदोलन के समय भाजपा की ओर से एक तथाकथित टूलकिट जारी किया गया था और आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस टूलकिट का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन आज उसके बारे में असलियत सामने आ रही है। ट्विटर के दफ्तरों पर छापा मारा गया था। अब समझ में आ रहा है कि यह सब किसान आंदोलन को दबाने के लिए किया गया था।”
… छह महीनों तक रोक लगाई
इस दौरान सुप्रिया ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर सरकार के कहने पर छह महीनों तक रोक लगाई गई थी। उन्होंने दावा किया, “ये जो तथ्य सामने आ रहे हैं वह वाकई में भयावह हैं, डरावने हैं। स्पष्ट है कि देश के प्रधानमंत्री और सरकार डरती है। जब भी सरकार को आईना दिखाया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात की जाती है।”
बंद होना चाहिए धमकाने का सिलसिला
सुप्रिया ने सवाल किया, ”आज जैक डोर्सी को झूठ बोलने की क्या जरूरत है? झूठ बोलने से उनको क्या मिलेगा?” उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी कहते हैं कि देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। डोर्सी की टिप्पणी से यह बात फिर प्रमाणित हो जाती है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि पत्रकारों, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों को धमकाने का सिलसिला बंद होना चाहिए।
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मालूम हो कि डोर्सी ने एक साक्षात्कार में कहा है, “किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई निवेदन आये, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे और ऐसा कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, आपके कार्यालयों को बंद करवा देंगे। यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।”