आरयू वेब टीम। दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। मुख्यमंत्री ने जामिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिसिया कार्रवाई की तुलना जलियांवाला बाग से की है। साथ ही उद्धव ठाकरे ने कहा कि युवाओं में बम जैसी ताकत होती है, उन्हें मत भड़काएं।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज महा अघाड़ी के विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, मुझे समझ नहीं आया कि दिल्ली के लोग क्या करना चाहते हैं। इस देश के लोगों में तनाव और भय का माहौल पैदा किया जा रहा है।
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उद्धव ठाकरे ने विधायकों से अपील की है कि आपका निर्वाचन क्षेत्र आपकी जिम्मेदारी है। माचिस जलाने के प्रयास होते हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में चीजें गलत न हों। सत्र समाप्त होने के बाद जब आप निर्वाचन क्षेत्रों में लौटें तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके क्षेत्र में कुछ भी न हो। इस दौरान एक विधायक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों को विश्वविद्यालयों के प्रमुख पदों से हटाने की मांग की।
हालांकि शिवसेना अभी तक नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अपना रुख साफ नहीं कर सकी है। पार्टी का कहना है कि कानून के कुछ पहलुओं पर सरकार ने राय स्पष्ट नहीं की है और हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है। पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा कि इस कानून को लेकर जो भी निर्णय लेना है वह पार्टी मुखिया उद्धव ठाकरे ही लेंगे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में इस बाबत फैसला लिया जाएगा कि इस कानून को प्रदेश में लागू करना है या नहीं।