आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानमंडल के बजट सत्र में सोमवार को बजट प्रस्तुत होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को लोक कल्याणकारी, विकासोन्मुख और सर्वसमाज के विकास को समर्पित बताया है। साथ ही कहा कि ये सर्व समाज के सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
प्रेसवार्ता में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के लोकतांत्रिक भावना से परिपूर्ण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि राजस्व की प्राप्तियों को लेकर सरकार के जो लक्ष्य थे, उसके अनुरूप प्राप्तियों को हासिल करने में कुछ कठिनाई हुई। फिर भी सरकार ने स्थितियों को बेहतर ढंग से संभाला। ये बजट एक नई आशा, नई ऊर्जा और उत्तर प्रदेश की नई संभावनाओं को उड़ान देने वाला है।
इस बजट में हर हाथ को काम देने का संकल्प निहित है। यह बजट प्रदेश के गांव, गरीब किसानों, नौजवानों, महिलाओं और समाज के प्रत्येक तबके का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट है। सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के बावजूद प्रदेश के वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए लोक कल्याण की भावना के तहत समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल कर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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वहीं योगी ने ये भी कहा कि इस बार का बजट समग्र और समावेशी विकास तथा प्रदेश के विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन के माध्यम से सशक्तिकरण को आधार बनाकर प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग को और आसान बनाने के लिए हर घर को जल, हर घर को बिजली, हर गांव को सड़क और हर गांव को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया के साथ प्रदेश में समग्र विकास की रूपरेखा इस बजट के माध्यम से प्रारंभ की गई है।
योगी ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को विस्तार दिया गया है। इसमें अब किसान के साथ उसके परिवार के कमाऊ सदस्य, बटाईदार और अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है। अगर दुर्घटना से किसी ऐसे व्यक्ति की मौत होती है तो इस बीमा योजना के माध्यम से पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इतना ही नहीं जो किसान परिवार आयुष्मान भारत योजना के स्वास्थ्य बीमा से कवर नहीं हुए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये के नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा का भी प्रावधान इस बार इस बजट में किया गया है।
साथ ही महिलाओं की दृष्टि से कुछ नई योजनाएं शुरू की गई हैं। मुख्यमंत्री सुमंगला योजना को व्यापक आयाम मिला है। इस साल मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना के तौर पर एक नई योजना लाई जा रही है। इसके तहत छह महीने से लेकर पांच साल तक के किसी भी कुपोषित बच्चे को पोषित करने के लिए या खून की कमी से जूझ रही 11 से 14 साल की बच्चियों के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।