यूपी के CM को पत्र लिखकर प्रियंका ने कहा, “कोरोना टेस्टिंग व ट्रीटमेंट की सुविधा बढ़ाएं, कई सुझाव भी दिए”

सांठगांठ
प्रियंका गांधी। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। देश के साथ ही कोरोना वायरस का खतरा लगातार यूपी में भी बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमितों की आंकड़ा जहां अकेले यूपी में चार सौ पार कर चुका है, वहीं चीन से निकले इस खतरनाक वायरस ने अब तक यूपी में भी चार लोगों की जान ले ली है। वहीं इस मुश्किल हालत से निपटने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ को पत्र लिखकर यूपी में कोरोना टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा बढ़ाने की मांग की है।

पत्र में प्रियंका गांधी ने लिखा है कि पूरे देश समेत उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस का कहर अपना पैर पसार रहा है। आज हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था के सामने ये बड़ी चुनौती है कि हम किस तरह से वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान कर उपचार कर सकें व संक्रमण को आगे बढ़ने से रोक सकें।

उन्होंने लिखा है कि संक्रमण को रोकने के लिए स्क्रीनिंग और टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाना एक बहुत ही कारगर उपाय है। छह करोड़ की आबादी वाले देश दक्षिण कोरिया ने हजार लोगों पर करीब छह लोगों की टेस्टिंग की और वायरस के संक्रमण को रोकने में सफलता हासिल की है। राजस्थान के भीलवाड़ा में युद्ध स्तर पर काम हुआ और नौ दिनों के भीतर 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग करके ज्यादा से ज्यादा जांचें की गईं और संक्रमित लोगों की पहचान की गई।

23 करोड़ की जनसंख्‍या, सात हजार की हुई जांच

प्रियंका ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या करीब 23 करोड़ है, जबकि टेस्टिंग के लिए गए सैम्पलों की संख्या केवल सात हजार के आस-पास है। जनसंख्या के हिसाब से प्रदेश में हो रही जांचों की संख्या अभी बहुत कम है। टेस्टिंग को तेज गति से बढ़ाना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल जनसंख्या वाले राज्य के लिए टेस्टिंग की संख्या बढ़ाना एक रामबाण साबित हो सकता है।

…ताकि आइसीयू पर पड़े कम से कम दबाव

पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए लिखा है कि हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करके ‘mild to moderate high risk cases’ को युद्धस्तरीय तत्परता के साथ इलाज करना पड़ेगा, जिससे हमारे आइसीयू पर कम से कम दबाव पड़े। साथ ही अपने ‘आइसोलेशन वार्ड और क्वारेंटाइन सेंटर्स’ को मानवीय गरिमा के अनुरूप बनाना पड़ेगा।

जनता को बताएं मास्‍क व सैनिटाइजर कहां और कैसे मिलेगा

कांग्रेस महासचिव ने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि आपने स्वयं कल से मास्क पहनना अनिवार्य घोषित किया है। कृपया युद्ध स्तर पर मास्क व सैनिटाईजर का वितरण सुनिश्चित करें व लोगों को स्पष्ट रूप से बताया जाय कि उन्हें मास्क व सैनिटाईजर कहां से और कैसे मिलेंगे।

भरोसा जीतकर ही हासिल की जा सकती है जीत, डर फैलाकर नहीं

प्रियंका ने पत्र में यह भी कहा है कि इस महामारी पर विजय लोगों का भरोसा जीतकर ही हासिल की जा सकती है। डर फैला करके या अलग-थलग करके नहीं, बल्कि वास्तव में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि लोगों की मदद कर उन्हें सहज बनाएं जिससे कोई बदहवासी न फैले और लोग स्वयं सामने आकर प्रशासन का साथ दें।

सरकार ऐसे कदम उठाए कि लोग खुद आए सामने

कांग्रेस महासचिव ने पत्र में लिखा है कि यह जरूरी है कि सामाजिक स्तर पर आम लोगों में भरोसा और विश्‍वास जागने के लिए सरकार ऐसे कदम उठाए जिससे कि लोग स्वयं सामने आएं। ऐसा करने का एक तरीका यह हो सकता है कि इन क्षेत्रों में काम कर रहे एनजीओ, सामाजिक संगठनों व अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की मदद ली जाए, उनसे विचार-विमर्श करके इस लड़ाई में शामिल किया जाय।

कांग्रेस है साथ, कोरोना की कोई जाति-धर्म नहीं

इसके अलावा प्रियंका ने सीएम योगी से कहा है कि इस महामारी से लड़ने में हम साथ हैं। कोरोना वायरस की कोई जाति और धर्म नहीं है। इसका असर सब पर एक सा है। इस युद्ध में हमें अपनी राजनीतिक सोच को परे रखकर पूरी जनता को एक साथ लाने वाले, भयमुक्‍त वातावरण बनाने वाले कदम उठाने की बहुत आवश्यकता है। कांग्रेस का हर नेता और हर कार्यकर्ता जनता का साथ देने के लिए तैयार है।

प्रियंका ने अपने पत्र में चिंता जाहिर करते हुए यह भी लिखा है कि प्रदेश के कई सारे क्वारेंटाइन केंद्रों से बदहाली की खबर आ रही है। कई जगहों पर खाने, रुकने व साफ सफाई का इंतजाम ठीक नहीं है। कृपया इसको संज्ञान में लेकर व्यवस्थित करवाने की पूरी कोशिश करें। इन केंद्रों में जो गरीब लोग हैं उनके परिवार को गारंटी के साथ भोजन, राशन व भत्ता दिया जाय ताकि इन व्यक्तियों को अपने परिवार के सदस्यों के प्रति चिंता को कम किया जा सके।

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उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारत में सामाजिक स्तर पर संक्रमण की खबरें आना शुरू हो गईं हैं। यह देखने में आ रहा है कि वह शहरी क्लस्टर्स, जहां घनी आबादी है, उनमें संक्रमण ज्यादा फैल रहा है। ऐसी कई खबरें आ रही हैं कि संक्रमित व्यक्ति अपनी बीमारी छुपाने की भी कोशिश कर रहे हैं। यह कोरोना के बारे में फैले सामाजिक भय के चलते हो रहा है। अतः यह जरूरी है कि खासतौर से इन क्लस्टर्स में युद्धस्तर पर सही सूचना दी जाए और अफवाहों व गलत धारणाओं के फैलने पर तत्काल रोक लगे।

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