UP में टिड्डी दल से निपटने के लिए सूर्य प्रताप शाही ने बनाई रणनीति, अफसरों को दिए निर्देश

टिड्डी दल
अफसरों के साथ बैठक करते कृषि मंत्री।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना संक्रमण के दौर में राजस्‍थान, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश व पंजाब के किसानों व आम जनता के लिए नई मुसीबत के तौर पर सामने आए टिड्डी दल के यूपी में आतंक से निपटने के लिए मंगलवार को उत्‍तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने आज रणनीति बनाने के साथ अफसरों को निर्देश दिए।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज टिड्डी दल के चलते सामने आने वाली समस्‍याओं की समीक्षा करने के साथ ही कहा कि प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए कंट्रोल रूम तथा गठित टीमों द्वारा जो टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आक्रमण एवं उनकी गतिविधियों का नियमित पर्यवेक्षण कर प्रभावित जिलों के अधिकारियों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश प्रेषित करता रहें।

उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों पर इसके लिए नोडल अधिकारी, टास्‍क फोर्स एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश के क्रम में जनपदों में भी गठन की कार्यवाही की गई है। टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव तथा सावधानियों से संबंधित विस्तृत जानकारी विषयक एक फोल्डर तैयार कर प्रदेश के सभी जनपदों के विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है तथा इसे किसानों एवं आम जनता को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

यह भी पढ़ें- #Lockdown: अफसरों से बोले UP के कृषि मंत्री, सोशल मीडिया के जरिए संपर्क कर दूर करें किसानों की समस्‍याएं

टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों सहित समस्त क्षेत्रीय कार्मिकों तथा सोशल मीडिया के माध्यम से त्वरित ढंग से किसानों तक पहुंचाने के लिए संबंधित जनपदों को निर्देश दिये। कृषि मंत्री ने बताया कि टिड्डियों के आक्रमण की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाडों, टीन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचाने की एडवाइजरी जारी की गयी है।

साथ ही अपने कार्यालय में आयोजित बैठक में कृषि मंत्री ने जनपदीय अधिकारियों को लोकस्ट वार्निंग आर्गनाइजेशन की तकनीकी टीम व क्षेत्रीय निवासियों व किसानों से लगातार समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये। कृषि विश्‍वविद्यालयों एवं केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ, गोरखपुर एवं आगरा का भी सहयोग लेने के भी निर्देश दिये।

प्रदेश स्तर एवं जनपदों द्वारा किसानों एवं जन सामान्य को टिड्डी दलों के संचलन के संबंध में प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से नियमित रूप से जानकारी देने के लिए प्रतिदिन कृषि निदेशालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जागरूक करते रहें। उन्होंने कहा टिड्डी दल अकसर दिन डूबने के समय से किसी पेड़ पर दिन निकलने तक आश्रय लेती है। सघन सर्वेक्षण द्वारा आश्रय चिन्हित करने के निर्देश दिये।

बड़े व कई छोटे दलों में विभाजित हो गया टिड्डी दल

साथ यूपी में टिड्डी दल की मौजूदगी के बारे में सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि दौसा (राजस्थान) के पास वाला टिड्डी दल एक बड़े और कई छोटे दलों में विभाजित हो गया, इसमें से बड़ा वाला दल अलवर, राजस्थान के भारगढ़ के पास देखा गया है, जिसकी दूरी आगरा से दो सौ किलोमीटर है। वहीं अधिकांश छोटे दलों को टिड्डी नियंत्रण दल ने दौसा के पास नियंत्रित कर लिया है। सिर्फ एक बहुत छोटा सा दल दौसा से दस किलोमीटर दूर अलूदा के पास देखा गया है। इन दलों से आगरा जनपद को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

झांसी में फिर लौटा टिड्डी दल

उन्होंने बताया कि इसके अलावा पारीछा बांध, झांसी के पास सुबह टिड्डियों का एक दल देखा गया जो झांसी के बंगरा ब्लाक के सकरार होते हुए मध्य प्रदेश के निवाड़ी की तरफ निकल गया। हालांकि फिर से उसी दल के वापस बरुआ सागर (झांसी) के पास आने की सूचना प्राप्त हुई है।

कृषि रक्षा अधिकारी, सोनभद्र के अनुसार विकासखण्ड घोरावल के कर्मा में कल देखा गया टिड्डी दल मिर्जापुर के अहरौरा जंगल की तरफ जाता हुआ देखा गया। मिर्जापुर जनपद के हलिया विकासखण्ड के कुसियरा गांव में पहॅुचें टिड्डी दल को गांव वालों ने शोर मचाकर भगा दिया, जो कि मध्य प्रदेश की तरफ जाता हुआ देखा गया।

यह भी पढ़ें- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के चलते किसान हो रहें प्रताड़ित, योगी सरकार किसानों के घर से गेंहू खरीदने का करें प्रबंध: कांग्रेस

वही आज प्रमुख सचिव (कृषि) डॉ. देवेश चतुर्वेदी के बताया कि अब तक कृषि विभाग द्वारा टिड्डी दल के आक्रमण से बचाव के लिए प्रभावी कार्यवाही की व्यवस्था के लिए बीती 28 मई को सभी डीएम को टिड्डी दल से बचाव एवं रोकथाम के लिए निर्देश दिये गये है।

बैठक में कृषि निदेशक सोराज सिंह, डॉ. बीपी. सिंह, निदेशक, राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान रहमानखेड़ा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें।