UP STF के मिलनसार ASP राजेश सिंह की ब्रेन हैमरेज से लखनऊ में मौत, विभाग में शोक की लहर

एएसपी राजेश कुमार सिंह
राजेश कुमार सिंह। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। होली से ठीक एक दिन पहले रविवार का दिन यूपी एसटीएफ के लिए गम भरा रहा। आज एसटीएफ में एएसपी राजेश कुमार सिंह की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। बेहद मिलनसार अफसरों में शामिल राजेश सिंह का कई दिनों से लखनऊ के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था।

उपचार के दौरान अचानक मस्तिष्क में खून का रिसवा बंद हो गया था। इसके बाद उनको आइसीयू में भर्ती कराया गया, जहां आज डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

47 वर्षीय राजेश सिंह की असमय मौत की खबर सुनते ही पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गयी। एसटीएफ के उनके साथ ही व अफसरों के अलावा पुलिस विभाग के कई अधिकारी अस्पताल पहुंचें और उनके परिजनों को संत्‍वाना दी। राजेश सिंह पीपीएस एसोसिएशन के महासचिव भी थे।

अपने साथी को खोने के बाद एसटीएफ मुख्‍यालय में सम्‍मान के रूप में उनको पुलिस गार्द ने सलामी दी। इसके साथ ही एसटीएफ के सभी कर्मी व अफसरों ने उन्‍हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा एएसपी राजेश कुमार सिंह के निधन पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर पुलिस अधीक्षक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, पीपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश यादव समेत पुलिस के तमाम अफसर, कर्मियों व पत्रकारों आदि ने भी उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

2000 बैच के पीपीएस अफसर थे राजेश

मूल रूप से अमेठी जिले के गौरीगंज निवासी 47 वर्षीय राजेश कुमर सिंह 2000 बैच के पीपीएस अधिकारी थे। उन्होंने प्रयागराज से स्नातक और परास्नातक फिलॉसफी में अपनी शिक्षा पूरी की। उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी करनी शुरू कर दी। सबसे पहले राजेश सिंह का चयन एमपी पीसीएस में बतौर एक्साइज इंस्पेक्टर पद पर हुआ था। उसके बाद यूपी में जेलर के पद पर भी उन्‍हें तैनाती दी गई।

यह भी पढ़ें- सावधान! मा‍र्केट में है रिमोर्ट संचालित तराजू, वजन घटा-बढ़ा आपको ठग रहें दुकानदार, STF ने पांच को गिरफ्तार कर किया ये खुलासा  

वहीं साल 2000 में बतौर डिप्टी एसपी के पद पर उनका चयन हुआ था। राजेश कुमार बतौर सीओ लखनऊ, बिजनौर, बहराइच, बाराबंकी, शामली और मुजफ्फरनगर में भी तैनात रहे हैं। 2013 में एडिशनल एसपी बने और लंबे समय तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के स्टाफ अफसर के पद पर तैनात रहे। उसके बाद पीएसी में एडीजी के स्टाफ अफसर भी रहे।