आरयू वेब टीम।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की मुख्य परीक्षा को लेकर उच्चतम न्यायालय ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को खारिज करते हुए अगामी 18 जून को होने वाली यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से मना कर दिया।
इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को भी रद्द कर दिया। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपीपीएससी की अपील को स्वीकार कर लिया।
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बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने कुछ छात्रों द्वारा दायर उन अर्जियों को खारिज कर दिया जिनमें मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई थी और कहा गया था कि यूपीपीएससी ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
फैसले के दौरान पीठ ने कहा हम यूपीपीएससी की अपील को मंजूर करते हैं और हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हैं। मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाएं खारिज की जाती हैं।
ये था मामला
उल्लेखनीय है कि कुछ छात्रों ने याचिका दाखिल कर यूपीपीएससी की 18 जून को होने वाली मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की थी। छात्रों ने प्रारंभिक परीक्षा में कुछ सवालों के उत्तर गलत होने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट के पुनर्मूल्यांकन के आदेश को लागू करने की मांग थी।
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वहीं यूपीपीएससी की ओर से पेश एएसजी मनिंदर सिंह ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने या टालने का विरोध करते हुए कहा कि यूपीपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा के बारे में उठाई गई आपत्तियों की जांच के लिए कमेटी गठित की और कमेटी ने सभी आपत्तियों की जांच की और उसके बाद ही 19 जनवरी को रिजल्ट घोषित किया गया। साथ ही ये भी कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में करीब 16 हजार परीक्षार्थी पास हुए हैं।
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