उनकी जगह रिटायर्ड शिक्षकों की भर्ती हुई तो शिक्षामित्र उठाएंगे यह कदम

जगदम्बिका पाल
प्रदर्शन करते शिक्षामित्र (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। दस हजार रुपए के मानदेय के विरोध और समान कार्य समान वेतन समेत अन्‍य मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षामित्रों का गुस्‍सा एक बार फिर भड़क सकता है। अपनी जगह रिटायर्ड शिक्षकों के भर्ती की बात सामने आने पर शिक्षामित्रों ने इसे पूरी तरह से नियम विरूद्ध बताया है। वहीं शिक्षामित्रों ने इसके खिलाफ बड़ा कदम उठाने की बात कही है।

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उत्‍तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने अपने एक बयान में कहा कि 23 अगस्त 2010 से आरटीई एक्ट के लागू होने के बाद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य बिना टीईटी पास किए शिक्षक से नहीं लिया जा सकता है। इसी की लड़ाई शिक्षामित्र सरकार से लेकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में लड़ते आ रहे है। रिटायर्ड शिक्षक टीईटी पास नही है ऐसे में इनकी किसी भी प्रकार की नियुक्ति चाहे स्थाई, अस्थाई या संविदा पर भी नही हो सकती है।

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आज एक प्रमुख समाचार पत्र के माध्‍यम से सामने आए अपर मुख्‍य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के उस बयान को प्रदेश अध्‍यक्ष ने भ्रामक बताया जिसमें उन्‍होंने कहा है कि शिक्षामित्र नहीं पढ़ाएंगे तो उनके स्‍थान पर रिटायर्ड शिक्षक रखे जाएंगे। गाजी इमाम आला ने कहा कि बिना टीईटी किए हुए रिटायर्ड शिक्षकों को रखना न सिर्फ आरटीई एक्‍ट का उल्‍लधंन है बल्कि 25 जुलाई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है।

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इस तरह के भ्रामक बयान देना सरासर गलत बात है। अगर कभी शिक्षामित्रों का हक मारकर रिटायर्ड शिक्षकों को रखा भी गया तो यह कानून का पालन कराने वाले के द्वारा ही कानून तोड़ने का काम करेंगे तो यह सबसे बड़े अपराधी माने जाएंगे। शिक्षामित्र अपने हक के लिए कानून का सहारे लेते हुए इनके खिलाफ हमेशा लड़ाई जारी रखेंगे।

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उन्‍होंने सवाल उठाते हुए भी कहा कि मै पूछना चाहता हूं कि क्या वर्तमान समय मे प्राथमिक विद्यालय मे स्नातक, बीटीसी, व टीईटी के अलावा भी किसी से शिक्षण कार्य लिया जा सकता है। जबकि शिक्षामित्रों का समायोजन 17 वर्ष की सेवा के बाद भी 23 अगस्त 2010 को आरटीई एक्ट लागू होने से पूर्व अन्ट्रेण्ड टीचर होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पुराने पद पर उन्‍हें भेजने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं गाजी इमाम आला ने शिक्षामित्रों से भी कहा कि इस तरह की भ्रामक खबरों से विचलित होने की जरूरत नहीं है।

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