ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के आश्‍वासन पर माने बिजली कर्मी, स्‍थगित की हड़ताल

माने बिजली कर्मी

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। शनिवार को धरने पर बैठे बिजली कर्मचारियों के नेताओ ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ इस समबंध में बैठक की थी। इसके बाद हड़ताल को स्‍थगित करने का निर्णय लिया गया है। वहीं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का हर सम्भव प्रयास करने की बात कही है। बीते कई दिनों से बिजली कर्मचारी अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर थे।

इस बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि जो पिछले चार-पांच दिनों से कार्य बहिष्कार चल रहा था उसको कर्मचारी नेताओं के साथ हुई बैठक में सभी की सहमति से उस कार्य बहिष्कार को स्थगित किया गया है। साथ ही विभाग की ओर से कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। साथ ही उनकी कुछ मांगो पर त्वरित कार्य करने का भी आश्वासन दिया गया है।

वहीं कुछ मांगो पर द्विपक्षीय वार्ता के बाद निर्णय लिया जाएगा। साथ ही ऊर्जा मंत्री द्वारा कर्मचारियों से हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति में आई बाधा को तत्काल उस कार्य को पूरा करने का निवेदन किया गया है। गौरतलब है कि बिजली कर्मचारियों के हड़ताल मामले का हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था यूपी सरकार से ऊर्जा विभाग के सचिव कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने सरकार से बिजली सप्लाई तुरंत बहाल करने के लिये कहा था। इस मामले में छह दिसंबर को फिर सुनवाई होगी।

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बता दें कि यूपी के वाराणसी, बरेली, अयोध्या, बलिया, आगरा, गोरखपुर समेत अन्य शहरों में बिजली विभाग के 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया था। इससे प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता परेशान थे। साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि आगरा फ्रेंचाईजी व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाए। ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।

वहीं पंजाब, दिल्ली व उड़ीसा सरकार के आदेश की भांति ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाए। भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किए जाए व कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाए।

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