आरयू वेब टीम। वर्तमान स्थिति एक नई मानसिकता की मांग करती है। एक मानसिकता जिसका दृष्टिकोण विकास के लिए मानव केंद्रित हो। भारत पहला ऐसा देश था, जिसने सबसे पहले मास्क का इस्तेमाल और फेस कवर करने को एक हेल्थ मेजर की तरह लिया। हमने सबसे पहले सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चलाए थे। ‘कोविड-19 महामारी से अनेक चीजें प्रभावित हुई होंगी, लेकिन भारतीयों की आकांक्षाएं प्रभावित नहीं हुईं।
उक्त बातें गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के तीसरे वार्षिक नेतृत्व शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कही। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि पूरे कोरोना पीरियड के दौरान, लॉकडाउन के समय भारत सरकार का एक ही मकसद था, गरीबों की रक्षा करना।
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उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पूरे विश्व की सबसे बड़ी समर्थन प्रणाली है। इसके तहत लगभग 800 मिलियन लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा 1.3 अरब भारतीयों का एक ही मिशन है ‘आत्मनिर्भर भारत’। ‘आत्मनिर्भर भारत’ लोकल का ग्लोबल में विलय है। यह भारत की ताकत को ग्लोबल फोर्स मल्टिप्लायर के रूप में सुनिश्चित करता है।
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी से अनेक चीजें प्रभावित हुई होंगी, लेकिन 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाएं नहीं। भारत में चुनौतियों के लिए आपके पास एक सरकार है जो परिणाम देने में विश्वास रखती है जिसके लिए जीवन जीने में आसानी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना व्यवसाय करने में आसानी। आप एक युवा देश को देख रहे हैं जिसकी 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम है।