वंदे भारत की चपेट में आए दशहरा मेला देख घर लौट रहे छह किशोर, चार की दर्दनाक मौत

वंदे भारत
हादसे के बाद जांच करती पुलिस व मौके पर जमा लोगों की भीड़।

आरयू वेब टीम। बिहार के पूर्णिया में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हो गया है। आज भोर में दशहरा मेला देखकर आ रहे छह दोस्त वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आ गए। जिससे चार किशोरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा देख स्थानीय लोगों में चीख-पुकार मच गई। लोगों इसकी सूचना पुलिस को देने के साथ ही घायलों को इलाज के लिए पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कटिहार जोगबनी रेलखंड के कसबा जबनपुर के पास शुक्रवार भोर में करीब साढ़े चार बजे छह दोस्त दशहरा का मेला देखकर लौट रहे थे। इसी दौरान वे पटरी पार करने की कोशिश कर रहे थे। तभी वंदे भारत ट्रेन के चपेट में आ गए। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने या भागने का कोई मौका नहीं मिला और सभी किशोर इसकी चपेट में आ गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि चार लोगों के शव क्षत-विक्षत अवस्था में ट्रैक पर पड़े मिले। घटना के तुरंत बाद इलाके में कोहराम मच गया।

सूचना पाकर आरपीएफ की टीम के साथ स्थानीय थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही घटना को लेकर जांच-में जुट गई। मृतक किशोरों और घायलों की पहचान पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के चांदपुर भंगहा गांव के निवासी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि सभी किशोर पूर्णिया में एक मखाना फैक्ट्री में काम करते थे। मेला घूमने के बाद वे भोर में घर लौटने रहे थे, तभी यह हादसा हो गया। घटनास्थल से पुलिस ने एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है। जिसके बाद रेल पुलिस ने मृतकों के परिजनों को सूचना दी और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।

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बता दें कि जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस से कटकर हुई ये दूसरी मौत है। इससे पहले 30 सितंबर को सहरसा के हटियागाछी रेलवे ढाला के पास इसी ट्रेन से एक बुजुर्ग की मौत हो चुकी है। वंदे भारत एक्सप्रेस का नियमित परिचालन 17 सितंबर से शुरू हुआ था। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को पूर्णिया से वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह ट्रेन सीमांचल को राजधानी पटना से जोड़ने वाली पहली वंदे भारत है। जोगबनी से यह ट्रेन तड़के 3.25 बजे रवाना होती है और सुबह 4.50 बजे पूर्णिया, फिर सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर से होते हुए सुबह 11.30 बजे पटना के दानापुर स्टेशन पहुंचती है।

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