वरुण गांधी की मांग, “यूक्रेन से लौटे छात्रों को नियमों में ढिलाई दे, करना होगा भारतीय संस्‍थानों में समायोजित”

वरुण गांधी

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने आज एक बार फिर अपनी सरकार पर हमला बोला है। यूक्रेन से लौटे छात्रों के भविष्य पर चिंता जताते हुए वरुण गांधी ने कहा कि यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है। एक तरफ युद्ध भूमि की कड़वी यादे हैं और दूसरी तरफ उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। साथ ही भाजपा सांसद ने मांग करते हुए कहा कि ऐसे छात्रों को भारतीय संस्‍थानों में समायोजित किया जाए।

वरुण गांधी ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है। एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियां हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य। हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा। उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।

वहीं इससे पहले वरुण गांधी ने कहा, ‘यूक्रेन से लगभग 20 हजार छात्रों को निकाला जा रहा है। उनमें से कई के लिए वहां पढ़ने का मतलब बचत या लोन के 15 से 30 लाख रुपए किसी कॉलेज में खर्च करना है, जो अब तक शायद ध्वस्त हो चुका हो। उनमें से कई मेंटल ट्रॉमा से गुजर रहे हैं, जो बाधित शिक्षा और अंधेरे भविष्य यानी रोजगार के कम होने से और भी बढ़ रहा है। लोन की रकम इस बीच बढ़ती जाएगी। हमें उन्हें संस्थागत तरीके से अपनी शैक्षणिक व्यवस्था में समायोजित करना होगा। जैसे, हम मेडिकल कॉलेज के एनआरआइ कोटा का इसमें उपयोग कर सकते हैं। जब वह अपनी शिक्षा पूरी कर लेंगे, तो हमारे मेडिकल सिस्टम को बेहतर ही करेंगे, जब कभी भविष्य में कोई महामारी होगी। ‘

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यह पहला मौका नहीं है, जब सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को घेरा हो। सेना और अर्धसैनिक बलों में भर्ती न होने के मुद्दे पर उन्होंने शुक्रवार चार मार्च को ट्वीट किया किया था। इसमें उन्होंने कहा था- सेना और अर्धसैनिक बलों में भर्ती न होने के कारण पांवों में छाले लिए तीन सालों से दौड़ रहे युवा हताश हो रहे हैं। बढ़ती उम्र के कारण अयोग्य हो रहे इन युवाओं को आर्थिक तंगी अवसादग्रस्त बना रही है। ‘राष्ट्रसेवा’ का संकल्प लेने वाले इन युवाओं की आवाज ‘राष्ट्रवादी सरकार’ तक पहुंचनी चाहिए।

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