आरयू ब्यूरो, लखनऊ। एलडीए में ईएमबी सिस्टम लागू होने के बाद भी कुछ इंजीनियर-अफसर चहेते ठेकेदारों को बैकडोर से फायदा पहुंचाने के लिए पैंतरेबाजी अपनाते रहते हैं। कभी काम से ज्यादा भुगतान करने के लिए पेमेंट के समय फाइल से ईएमबी बिल गायब करना तो कभी घटिया कामों का भी दिल खोलकर भुगतान कराने के भी मामले सामने आ चुके हैं।
इस तरह की शिकायतें मिलने व फाइलों में गड़बड़ी पकड़ने के बाद अब एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने फाइलों में ईएमबी बिल नहीं होने पर भुगतान नहीं करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके अलावा कामों की प्रगति व गुणवत्ता के हिसाब से पेमेंट करने के लिए उन्होंने आज संबंधित इंजीनियर व अधिकारियों की भी निरीक्षण व फाइलों में कामों की वर्तमान फोटो लगाने से लेकर लिखित टिप्पणी करने तक की जिम्मेदारी तय कर दी है। वीसी के इस फैसले से एलडीए में इंजीनियरिंग से लेकर वित्त अनुभाग तक में ठेकेदारों के पेमेंट को लेकर होने वाले खेल में काफी हद तक लगाम लगने की उम्मीद है।
फाइलों से गायब रहतीं हैं ईएमबी: इंद्रमणि त्रिपाठी
इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अक्सर यह देखने में आ रहा था कि ठेकेदारों के भुगतान के लिए जो फाइलें प्रस्तुत की जा रहीं, उसमें ईएमबी बिल उस समय नहीं होती है, बल्कि इसे भुगतान आदेश के बाद प्रेषित किया जाता है, ऐसे करने से डुप्लीकेसी की संभावना बनी रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए ही यह ऑर्डर किया गया है कि अब से भुगतान की पत्रावलियों के साथ ईएमबी बिल भी लगाना होगा। ईएमबी बिल से संबंधित प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
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संतोषजनक टिप्पणी पर ही होगी भुगतान
इसके साथ ही वीसी ने बताया ने बताया कि कामों के स्थलीय निरीक्षण के संबंध में भी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। जिसके तहत अब से जो भी चलित देयक भुगतान के लिए प्रस्तुत किये जाएंगे। उनमें न सिर्फ संबंधित अफसरों को मौके का निरीक्षण करना होगा, बल्कि काम की फोटो भी लगानी होगी। इतना ही नहीं उन्हें यह भी फाइल में लिखना होगा कि काम की गुणवत्ता और प्रगति कैसी है। अफसरों द्वारा काम के संतोषजनक ढंग से होने की टिप्पणी दिये जाने के बाद ही ठेकेदारों का भुगतान किया जाएगा।
पद के हिसाब से तय हुई जिम्मेदारी
एलडीए उपाध्यक्ष के आदेश के अनुसार 25 लाख रूपये तक के कार्यों का अवर अभियंता, 25 से 50 लाख रूपये तक के कामों का एई, 50 लाख से एक करोड़ रूपये तक के काम का अधिशासी अभियंता, एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रूपये तक के कामों को चीफ इंजीनियर व डेढ़ करोड़ से दो करोड़ रूपये तक के कार्यों का सचिव द्वारा स्थलीय निरीक्षण करते हुए टिप्पणी की जाएगी। इसके अलावा दो करोड़ रूपये से अधिक के भुगतान की कार्यवाही खुद वीसी के मौका मुआयना करने के बाद ही पूरी होगी।
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अधिकारियों को रोज सुबह करनी होगी उपाध्यक्ष के साथ बैठक
आज एक अन्य आदेश करते हुए एलडीए देर से पहुंचने वाले अफसरों पर वीसी ने निगरानी बढ़ा दी है। उपाध्यक्ष ने एलडीए के अफसरों के साथ खुद ही रोज सुबह दस बजे से साढ़े दस बजे तक एलडीए की कार्यप्रणाली में सुधार व आवंटियों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों के संबंध में अपने कार्यालय में बैठक करेंगे। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इस बैठक में सचिव, अपर सचिव, मुख्य विधि सलाहकार, वित्त नियंत्रक, चीफ इंजीनियर और मुख्य नगर नियोजक के अलावा सभी ओएसडी मौजूद रहेंगे। बताते चलें कि इससे पहले वीसी सभी अधिकारियों के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी भी अनिवार्य कर चुके हैं।