…तो इस नेता के लेटर की वजह से एलडीए ने की थी अखिलेश को JPNIC में जाने से रोकने की पूरी कोशिश

जेपीएनआइसी अखिलेश यादव
अखिलेश यादव को आज कुछ इस हाल में मिली भारत रत्‍न जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआइसी) में जाने से रोकने के लिए की गयी लखनऊ विकास प्राधिकरण की कोशिशों को लेकर जहां सवाल उठ रहें हैं। वहीं अब ये भी साफ हो गया है कि अखिर एलडीए हर साल की तरह इस बार अखिलेश यादव को जेपीएनआइसी में क्‍यों नहीं जाने देना चाहता था।

दरअसल यूपी की राजनीति से जुड़े एक बड़े नेता के एलडीए को लिखे एक पत्र के बाद अधिकारियों ने तय किया था कि जयप्रकाश नारायण की जयंती पर इस बार अखिलेश को इंट्री देने से सरकार व एलडीए की किरकिरी हो सकती है। जिसके बाद जयंती से एक दिन पहले ही जेपीएनआइसी के गेट पर न सिर्फ एलडीए ने ताला बंद करवा दिया था, बल्कि गेट पर जगह-जगह टीन शेड लगवाकर जाने के रास्‍ते में अवरोध खड़ा कराया था, हालांकि एलडीए की ये सारी कोशिशें आज बेकार गयीं।

नरेश उत्‍तम ने लिखा था पत्र, अखिलेश करना चाहते थे निरीक्षण

सामने आया है कि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष नरेश उत्‍तम पटेल ने ही एलडीए उपाध्‍यक्ष को उक्‍त लेटर लिखा था। अपने पत्र में नरेश उत्‍तम ने यह जानकारी दी थी कि यूपी के पूर्व सीएम 11 अक्‍टूबर को न सिर्फ जेपीएनआइसी का अवलोकन करने जाएंगे, बल्कि इस सेंटर के रख-रखाव का भी निरीक्षण करेंगे। कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम के निरीक्षण करने की बात सामने आने के बाद एलडीए के अधिकारियों ने इस बारे में बात शासन तक पहुंचाई थी, जिसके बाद अखिलेश को निरीक्षण से रोकने की रणनीति बनी थी।

निरीक्षण में मिलती बदहाली!

भले ही आज अखिलेश जेपीएनआइसी का गेट फांद जयप्रकाश नारायण के जन्‍मदिन पर उनकी प्रतिमा पर मार्ल्‍यापण करने में कामयाब हो गए हों, लेकिन वह पूरे जेपीएनआइसी का निरीक्षण नहीं कर सके। जिसको लेकर एलडीए के अधिकारियों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली। जानकारों के अनुसार शासन से पैसा नहीं मिलने के चलते सात सालों से जेपीएनआइसी का काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में जेपीएनआइसी परिसर से लेकर बिल्डिंग तक में खंडहर व जंगल जैसे हालात हो गए हैं। हालांकि पैसा मिलने की उम्‍मीद में कुछ दिनों से एलडीए जेपीएनआइसी की सफाई कराने में जुटा है, लेकिन अब भी जगह-जगह गंदगी और जंगल जैसे हालात हैं।

दिनभर रहा मुकदमें का शोर, एलडीए ने नहीं दी तहरीर

वहीं जेपीएनआइसी में जबरन घुसने, टीन शेड उखाड़ने व प्रतिमा पर माल्‍यार्पण कर अखिलेश के वापस गेट पर लौटने तक जेपीएनआइसी के मेन गेट का ताला तोड़े जाने को लेकर आज दिन भर सपाईयों पर मुकदमा कराए जाने की बात उठती रहीं, लेकिन रात दस बजे तक इस मामले में एलडीए ने गोमतीनगर कोतवाली में किसी के खिलाफ तहरीर नहीं दी थी।

जानें जेपीएनआइसी से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य-

बताते चलें कि साल 2016 में तत्‍कालीन अखिलेश सरकार ने जेपीएनआइसी पर 856 करोड़ रुपया खर्च करना मंजूर किया था, लेकिन अफसर-इंजीनियरों की अदूदर्शिता व फिजूलखर्ची के चलते प्रोजेक्‍ट का बजट करीब हजार करोड़ तक पहुंचा दिया गया, जिसमें से अब तक लगभग आठ सौ करोड़ खर्च भी हो चुके हैं। हालांकि उसके बाद भी प्रोजेक्‍ट के सात सालों से अधर में लटकने के चलते कुछ महीनों पहले जेपीएनआइसी के होटल ब्‍लॉक के कामों को घटाकर एलडीए ने लगभग 915 करोड़ में जेपीएनआइसी को चलाने की शासन को रिपोर्ट भेजी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद शासन करीब सौ करोड़ रुपए एलडीए को देगा, हालांकि एलडीए की पैसा की डिमांड के बाद पांच कैबिनेट बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन उनमें जेपीएनआइसी का प्रस्‍ताव रखा नहीं गया। ऐसे में जनता के आठ सौ करोड़ रुपए खर्च कराना वाला जेपीएनआइसी कब पूरा होगा इस बारे में एलडीए के भी अधिकारियों में संशय है, जबकि बीतते दिनों के साथ ही जेपीएनआइसी की बदहाली में लगातार इजाफा हो रहा है।

अफसर-इंजीनियरों ने कर दिया ठेकेदारों का 70 करोड़ का भुगतान, काम नहीं कराया!

दो सरकारों के बीच फंसे जेपीएनआइसी को लेकर ऐसा नहीं है कि अखिलेश सरकार में एलडीए में तैनात रहें अफसर-इंजीनियरों की ही सिर्फ गलती सामने आयी है। योगी सरकार ने भी इस प्रोजेक्‍ट की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कुछ साल पहले ही एलडीए को लगभग 70 करोड़ दिए थे, लेकिन ये 70 करोड़ एलडीए के इंजीनियर व अफसरों ने जेपीएनआइसी के ठेकेदारों का पिछला पेमेंट कराने में ही खर्च कर डाले, जबकि उनसे जेपीएनआइसी में आगे का काम नहीं कराया गया। जानकारों की मानें तो 70 करोड़ देकर अधिकारी अगर 50 करोड़ का भी ठेकेदारों से और काम करा लेतें तो जेपीएनआइसी की किस्‍मत कई सालों पहले ही पलट चुकी होती, लेकिन योजना का काम देख रहें तत्‍कालीन इंजीनियर-अधिकारियों का जोर ठेकेदार हित में पेमेंट कराने तक ही सीमित रहा।

अखिलेश सरकार में कर सकते थे सौ करोड़ का एडवांस काम तो…

सवाल यह भी उठता है जो ठेकेदार अखिलेश सरकार में करीब सौ करोड़ रुपए का एडवांस काम कर सकते थे, उन्‍हीं ठेकेदारों से एलडीए के अधिकारियों ने किस मंशा के तहत 50 करोड़ का भी काम नहीं कराया। जानकार इसके पीछे बड़े खेल होने का भी अंदेश जता रहें हैं। कुल मिलाकर इस मामले में अगर गहनता से जांच हुई तो एलडीए में तैनात रहें कई अफसर व इंजीनियरों की भी गर्दन फंस सकती है।

यह भी पढ़ें- एलडीए ने जड़ा ताला तो JPNIC का गेट फांद अंदर पहुंचे अखिलेश, जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर किया माल्‍यार्पण

——————————–

नरेश उत्‍तम पटेल की ओर से पूर्व मुख्‍यमंत्री के जेपीएनआइसी का निरीक्षण करने की जानकारी दी गयी थी। परिसर के लंबे समय से बंद होने व जहरीले जानवर होने की आशंका और अखिलेश यादव की सुरक्षा को देखते हुए जेपीएनआइसी को आज भी बंद रखा गया था। एलडीए की मंशा उनको माल्‍यापर्ण करने से रोकने की नहीं थी। ज्ञानेंद्र कुमार वर्मा, अपर सचिव एलडीए

यह भी पढ़ें- JPNIC का गेट फांदने पर ब्रजेश पाठक का अखि‍लेश यादव पर तंज, एशियन गेम्स में जाकर लाएं मेडल