आरयू ब्यूरो,लखनऊ। 25 साल बाद जब देश स्वतंत्रता की सौवीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब उम्मीद करते हैं कि यूपी देश का अग्रणी राज्य होगा और भारत विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होगा। ‘बाबा साहेब अंबेडकर कहा करते थे कि भारतीय लोकतंत्र के बीज हमें पश्चिम के देशों से नहीं मिले, बल्कि उनका स्पष्ट उदाहरण गौतम बुद्ध के समय देश में उपस्थित संघों की कार्य प्रणाली में मिलता है।
उक्त बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान राष्ट्रपति ने अपने भाषण में सदन के सदस्यों को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और भगवान बुद्ध के आदर्शों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी की याद दिलाई। साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश के कौशांबी और श्रावस्ती में ऐसी ही लोकतांत्रिक व्यवस्था मौजूद थी। आप (विधायक) उसी प्राचीन विरासत के उत्तराधिकारी हैं। आप सबके ऊपर बुद्ध और अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ाने की जिम्मेदारी है।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘वर्तमान यूपी विधानमंडल में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व का दायरा व्यापक हुआ है। असेंबली में महिलाओं की संख्या 47 है, लेकिन इतनी संख्या से संतोष नहीं करना चाहिए। यह कुल विधायकों की संख्या का 12 प्रतिशत है। विधान परिषद के 91 सदस्यों में केवल पांच महिलाएं हैं, जो कुल सदस्यों की साढ़े पांच प्रतिशत हैं।’ उन्होंने कहा कि सदन में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में वृद्धि की व्यापक संभावना है। ये आप पर निर्भर करता है कि इन संभावनाओं को कैसे तलाशें और इसमें सुधार करें।
देश के गौरवशाली इतिहास में यूपी के योगदान को याद करते हुए कोविंद ने कहा कि इतिहास के हर दौर में यूपी अग्रणी रहा है। भारत की संविधान सभा में सबसे ज्यादा सदस्य इसी राज्य के रहे। पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहर लाल नेहरू, जॉन मथाई, श्रीमती कमला चौधरी, महावीर त्यागी, पूर्णिमा बनर्जी जैसे लोगों ने देश निर्माण में अहम भूमिका निभाई। यूपी विधानमंडल के गलियारों में जहां आपका आना-जाना होता है, वहीं आपके यशस्वी पूर्ववर्ती लोग आते-जाते रहे थे।
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कोविंद ने कहा कि इस राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित सांसदों में से नौ प्रधानमंत्रियों ने अब तक देश को प्रतिनिधित्व दिया। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। इसके अलावा उन्होंने इसी सदन का हिस्सा रहे गोविंद वल्लभ पंत, चंद्रभानु गुप्त, संपूर्णानंद, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव और मायावती का भी जिक्र किया और प्रदेश का नेतृत्व करते हुए उनके योगदानों की प्रशंसा की।