आरयू ब्यूरो,लखनऊ। यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र का आगाज हो चुका है। मंगलवार को दूसरे दिन सपा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम मंत्री बृजेश पाठक पर भड़के। अखिलेश ने बगैर नाम लिए बृजेश पाठक को छापामार मंत्री करार दिया। उन्होंने कहा कि गरीब मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है। लोगों को इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ रहा है।
साथ ही कहा कि लोग बोल रहे हैं कि स्वास्थ्य मंत्री अस्पतालों में जाते हैं और केवल छापा मारते हैं। केवल छापामार मंत्री बनोगे या कुछ काम भी करोगे। छापा मारने के बाद क्या तस्वीर बदली आपने जानने की कोशिश की? यूपी के अस्पतालों में झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। मरीज चारपाई पर अस्पताल ले जाए जा रहे हैं। अस्पतालों में पानी भरा हुआ है। ये सरकार डबल इंजन सरकार होने का दावा करती है, लेकिन मंत्रियों के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं है।
सपा अध्यक्ष यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए हैं। लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है। कन्नौज के अस्पताल में कुत्ते ही कुत्ते देखे गए पिछले दिनों। कोरोना काल को कौन भूल सकता है जब यूपी के अस्पतालों की दुर्दशा सामने आई थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को बजट नहीं दिया जा रहा है। ये सरकारी अस्पतालों को बंद करने की साजिश है। सरकार के पास स्टाफ की कमी है। ये निजीकरण करके सरकारी अस्पतालों में ताला लगाना चाहते हैं। मरीज ठेले पर अस्पताल ले जाए जा रहे हैं। ऐम्बुलेंस कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं।
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अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बताए इलाज के लिए कितनी मशीनें खरीदी हैं। गोंडा में कस्टोडियल डेथ हुई, उसी दिन गोंडा के नवाबगंज में महिला को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। क्या मेडिकल लापरवाही की वजह से मौत नही हो रही?